Comment
बोके बीज नफरत के कहाँ दामन बचाओगे। ...इस सार्थक ग़ज़ल पर बधाई नीरज जी !
समसामयिक मार्मिक ग़ज़ल ...
जो बोता था हमेशा से किसी के वास्ते काँटे ,
उसे ये चोट अपने ही उगाये खर से आयी है । उम्दा शेर आदरणीय नीरज जी
bahut hi umda aur samyaik gazal kahi hai ......
समयानुकूल , बहुत मार्मिक गज़ल कही , आदरणीय नीरज प्रेम भाई , मेरी मी संवेदनायें शामिल कर रहा हूँ । रचना के लिये आपको बधाई ।
उस बर्बरता पूर्ण घटना को अच्छे अशआरों में बांधा है ...धर्म और कत्ल २१ मात्रा में आते हैं धरम और कतल लिखेंगे तो मेरे ख्याल से चलेगा ....बहुत बहुत बधाई इस ग़ज़ल पर
संभल जा दूसरोँ पर नफरतोँ के वार करने से ,
कि अब तो दर्द की आवाज तेरे घर से आयी है ।--बहुत जबरदस्त शेर
बहुत बढ़िया i पेशावर की घटना पर आपके त्वरित प्रक्रिया अभिभूत करती है i
बहुत खूब प्रस्तुति............... पर जो हुआ वो इंसानियत का काम नहीं था वो काम हैवानों का था
मार्मिक व लाजवाब प्रस्तुति के लिये बहुत बहुत बधाई स्वीकारेँ |
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online