चोट दिल पे लगी है दवा दो मुझे
याद आये न उसकी दुआ दो मुझे
प्यार जिससे किया छुप गया वो कहीं
ऐ हवा तुम ही उसका पता दो मुझे
मर न जायें कहीं प्यार के दर्द से
दर्द कैसे सहें तुम सिखा दो मुझे
हर खुशी आपको तो दिया हूँ मगर
दिल दुखाया कभी तो सज़ा दो मुझे
अब जुदाई न मुझसे सही जाती है
मौत की नींद आकर सुला दो मुझे
मौलिक एवं अप्रकाशित अखंड गहमरी
Comment
सुन्दर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय अखण्ड गहमरी जी
इस शेर में गुंजाइश लग रही है सादर
हर खुशी आपको तो दिया हूँ मगर
दिल दुखाया कभी तो सज़ा दो मुझे
प्यार जिससे किया छुप गया वो कहीं
ऐ हवा तुम ही उसका पता दो मुझे
सुंदर रचना भाई जी
ऐ हवा तुम ही उसका पता दो मुझे......सुन्दर रचना पर हार्डी बधाई आदरणीय अखण्ड गहमरी जी !
इस सुन्दर ग़ज़ल पर दाद कबूलें |
बहुत सुन्दर ..बधाई आपको आदरणीय अखण्ड जी
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