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गजल- बिना तेरे किसकी इबादत करेंगे!

१२२ १२२ १२२ १२२

बहुत दुख दिये है कि नफरत करेंगे!
तेरी अब कभी हम न चाहत करेंगे!!

जरा सोच इतना लिया होता जालिम!
बिना तेरे किसकी इबादत करेंगे!!

समझ ही न पाये मुहब्बत मेरी तुम!
कि मर के भी तुमसे मुहब्बत करेंगे!!

वे बच्चें हैं उन पर न गुस्सा करो यूं!
वे नादां वही फिर शरारत करेंगे!!

तु जिसके लिए इतना पागल है 'राहुल'!
अदा प्यार की वो न कीमत करेंगे!!

मौलिक व अप्रकाशित!

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Comment by somesh kumar on December 28, 2014 at 11:25pm

वे बच्चें हैं उन पर न गुस्सा करो यूं!
वे नादां वही फिर शरारत करेंगे!!

ये शे'र पूरी गज़ल की शक्ति है ,बधाई इस रचना हेतू 

Comment by Rahul Dangi Panchal on December 28, 2014 at 11:13pm
आदरणीय मोहन बेगोवाल जनाब बहुत बहुत धन्यवाद!
Comment by मोहन बेगोवाल on December 28, 2014 at 10:19pm

  सभी अश'आर लाजवाब ,मगर  ये शे'र और भी कमाल का

वे बच्चें हैं उन पर न गुस्सा करो यूं!
वे नादां वही फिर शरारत करेंगे!! 

Comment by Rahul Dangi Panchal on December 28, 2014 at 8:34pm
आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी बहुत बहुत आभार प्रकट करता हुँ आपकी स्नेह भरी सुन्दर प्रतिक्रिया के लिए! अपने इस छोटे भाई को आशिर्वाद दे कि वह अपने मन की भावनाओं को स्पष्ट व सुन्दर तरीके से दुनिया के सामने रखें! नमन!
Comment by Rahul Dangi Panchal on December 28, 2014 at 8:31pm
आदरणीय Hari Prakash Dubey धन्यवाद स्वीकार करें!

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on December 28, 2014 at 8:24pm

जरा सोच इतना लिया होता जालिम!
बिना तेरे किसकी इबादत करेंगे!!..........  वह्ह्ह 

वे बच्चें हैं उन पर न गुस्सा करो यूं!
वे नादां वही फिर शरारत करेंगे!!...... बहुत मासूम अशआर 

आदरणीय राहुल भाई जी बहुत बहुत बधाई इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए .... आपकी रचनाओं में कमाल की मासूमियत झलकती है पढ़कर आनंद आ जाता है 

Comment by Hari Prakash Dubey on December 28, 2014 at 7:50pm

जरा सोच इतना लिया होता जालिम! बिना तेरे किसकी इबादत करेंगे!......बहुत खूब  आ. राहुल जी ,शुभकामनायें  !

Comment by Rahul Dangi Panchal on December 28, 2014 at 7:05pm
आदरणीय
Er. Ganesh Jee "Bagi जी ह्रदय तल से धन्यवाद स्वीकार करें!
Comment by Rahul Dangi Panchal on December 28, 2014 at 7:04pm
आदरणीय शिज्जु "शकूर" जी पहले कमंट मे आपके नाम के बाद जी नहीं लग पाया अब देखा है! क्रपया क्षमा करें!

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 28, 2014 at 6:53pm

आदरणीय राहुल जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है, बधाई प्रेषित है.

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