For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रेलवे पुलिस (लघुकथा )

"साहब इस डिब्बे में एक आदमी अचेत पड़ा है,शायद जहरखुरानी  का शिकार है " रेलवे पुलिस का कर्मचारी बोला |

"देख अपने लिए भी कुछ छोड़ा है या सब ले गए ?- अफसर 

"सब ले गए साहब "- कर्मचारी 

"कहता हूँ ,सालों से किसी की चीज मत खाया करो ,छोड़ ये सब चल एक कप  चाय पिला "- अफसर कहते हुए बाहर निकल आते हैं |

"मौलिक व् अप्रकाशित "

Views: 791

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by maharshi tripathi on January 20, 2015 at 2:43pm

आ. गोपालनारायण जी ,,मैंने कोशिश की  ,,आपकी सलाह के लिया धन्यवाद ,हमारा ऐसे ही मार्गदर्शन किया करें |

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on January 20, 2015 at 12:06pm

महर्षि जी

प्रस्तुति और  बेहतर हो सकती थी i मैं आपकी इसी प्रस्तुति को  अपनी मति के अनुसार कुछ ठीक करता हूँ -

"साहब इस डिब्बे में एक आदमी अचेत पड़ा है,शायद जहरखुरानी  का शिकार है " रेलवे पुलिस का कर्मचारी बोला |

"अच्छी तरह देख अपने लिए भी कुछ छोड़ा है या सब ले गए ?- अफसर ने आदेश दिया i

"सब ले गए साहब "

"रेलवे इतना विज्ञापन करती है कि किसी की दी  हुयी  चीज मत खाओ i मगर साले मानते नहीं  i मरने दो ,कमीने को  i अच्छा  खासा मूड  ख़राब कर दिया i चल , एक कप  चाय पिला "|


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 19, 2015 at 10:50pm
आदरणीय महर्षि भाई जी अच्छी लघुकथा हुई। बधाई।
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on January 19, 2015 at 7:42pm

बहुत खूब. सुंदर चित्रण आदरणीय महर्षि जी. हार्दिक बधाई

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 19, 2015 at 7:29pm

संवेदनहीन पुलिस का चरित्र उजागर करती सुंदर लघु कथा के लिए बधाई श्री महर्षि जी 

Comment by Hari Prakash Dubey on January 19, 2015 at 6:37pm

संवेदना मर रही है लोगों में, सुन्दर लघुकथा बधाई महर्षि जी !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"सार छंद +++++++++ धोखेबाज पड़ोसी अपना, राम राम तो कहता।           …"
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"भारती का लाड़ला है वो भारत रखवाला है ! उत्तुंग हिमालय सा ऊँचा,  उड़ता ध्वज तिरंगा  वीर…"
7 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"शुक्रिया आदरणीय चेतन जी इस हौसला अफ़ज़ाई के लिए तीसरे का सानी स्पष्ट करने की कोशिश जारी है ताज में…"
19 hours ago
Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"संवेदनाहीन और क्रूरता का बखान भी कविता हो सकती है, पहली बार जाना !  औचित्य काव्य  / कविता…"
yesterday
Chetan Prakash commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"अच्छी ग़ज़ल हुई, भाई  आज़ी तमाम! लेकिन तीसरे शे'र के सानी का भाव  स्पष्ट  नहीं…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सुरेद्र इन्सान जी, आपकी प्रस्तुति के लिए बधाई।  मतला प्रभावी हुआ है. अलबत्ता,…"
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आदरणीय सौरभ जी आपके ज्ञान प्रकाश से मेरा सृजन समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी"
Wednesday
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के

२२ २२ २२ २२ २२ २चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल केहो जाएँ आसान रास्ते मंज़िल केहर पल अपना जिगर जलाना…See More
Wednesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 182 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है| इस बार का…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल - सीसा टूटल रउआ पाछा // --सौरभ

२२ २२ २२ २२  आपन पहिले नाता पाछानाहक गइनीं उनका पाछा  का दइबा का आङन मीलल राहू-केतू आगा-पाछा  कवना…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"सुझावों को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय सुशील सरना जी.  पहला पद अब सच में बेहतर हो…"
Wednesday
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . .

 धोते -धोते पाप को, थकी गंग की धार । कैसे होगा जीव का, इस जग में उद्धार । इस जग में उद्धार , धर्म…See More
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service