बेपरवाही नहीं, प्रिया मेरी! विश्वास ह्रदय का मेरा है |
तुमको सब कुछ सौंप दिया , जो मेरा है सो तेरा है ||
मुक्त हुआ , कुछ फिक्र नहीं |
तू सच है, केवल जिक्र नहीं |
मैं चाहे जहाँ रहूँ लेकिन, तेरे नयन ह्रदय का डेरा है |
बेपरवाही नहीं, प्रिया मेरी! विश्वास ह्रदय का मेरा है ||
मैं सोता, तू जगती है |
धीरज रोज , परखती है |
है बन्द आँख में ख्वाब तेरा, भले नींद ने घेरा है |
बेपरवाही नहीं, प्रिया मेरी! विश्वास ह्रदय का मेरा है ||
तू सोचे , फिर एक बहाना |
मैं कहता, दिल का अफसाना |
होंठ मौन हैं, रहे भले ही, तुम्हें रोम-रोम ने टेरा है |
बेपरवाही नहीं, प्रिया मेरी! विश्वास ह्रदय का मेरा है ||
जो चाहा, अक्सर नहीं मिला |
सच्चा है, ये सच्चा है गिला |
हर चीज वक़्त के बाद मिले, कुछ किस्मत ही का फेरा है |
बेपरवाही नहीं, प्रिया मेरी ! विश्वास ह्रदय का मेरा है ||
उत्सव दिन, उत्साह विहीन |
उपालंभ, नित्य नवीन |
कैसे हर दिन सेलिब्रेट करूँ, मुझे उत्सव दर्शन तेरा है |
बेपरवाही नहीं, प्रिय मेरी! विश्वास ह्रदय का मेरा है ||
.
गंगा धर शर्मा 'हिन्दुस्तान'
मौलिक व अप्रकाशित
Comment
आ० गंगाधर शर्मा जी
नेह सिक्त हृदय के उद्गारों को बहुत संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत किया है
फिर भी प्रस्तुति अभी शिल्प पर और वक़्त की मांग करती है
हार्दिक बधाई इस प्रस्तुति पर
आदरणीय गंगा धर भाई , सुन्दर भाव पूर्ण गीत रचना के लिये बधाई आपको ॥
बेपरवाही नहीं, प्रिया मेरी! विश्वास ह्रदय का मेरा है |
तुमको सब कुछ सौंप दिया , जो मेरा है सो तेरा है ||-----आपकी मै यह पहली रचना पढ़ रहा हूँ | स्वागत है आपका | ह्रदय में विश्वास लिए है आश्वस्त करती सुंदर रचना के लिए बधाई श्री गंगा धर शर्मा "हिन्दुस्तान" जी
बेपरवाही नहीं, प्रिया मेरी! विश्वास ह्रदय का मेरा है|
सुंदर ,भाव से परिपूर्ण रचना |
आदरणीय गंगा धर शर्मा जी बहुत ही सुन्दर ....... है बन्द आँख में ख्वाब तेरा, भले नींद ने घेरा है |
बेपरवाही नहीं, प्रिया मेरी! विश्वास ह्रदय का मेरा है ...... बधाई आपको .!
आ० गंगा धर शर्मा 'हिन्दुस्तान' जी
आपका विश्वास सदैवा आपकी रचना पर कायम रहे i आपको बधाई i सादर i
जो चाहा, अक्सर नहीं मिला |
सच्चा है, ये सच्चा है गिला |
हर चीज वक़्त के बाद मिले, कुछ किस्मत ही का फेरा है |
बेपरवाही नहीं, प्रिया मेरी ! विश्वास ह्रदय का मेरा है ||
मन को छूती पंक्तियाँ ,,,इस खूबसूरत गीत पर आपको हार्दिक बधाई आ.गंगाधर शर्मा जी |
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