For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओ-हो मौसम बदल गया है

फिर चल पड़ी है 

दिन मे तेज अंधड़ 

चिलचिलाती धूप 

और उसमे गुलमोहर के फूल 

लंबी सड़कों के दोनों और 

इकठ्ठा होता पत्तियों का मलबा 

और हवा से उड़ते हुये 

उनका सरसराना .... 

पलाश का फूल भी खिल रहा है 

ओ-हो मौसम बदल रहा है .... 

सुनो ... 

मेरी यादों की रजईयों 

को थोड़ी धूप दिखा देना 

और फिर सहेज कर रख देना 

जब ठंड आएगी 

रिश्तों की गर्माहट के लिए 

निकाल लेना फिर से .... रज़ाई 

लक्ष्मण बूटी भी निखर रहा है 

ओ-हो- मौसम बदल रहा है .... 

(मौलिक व अप्रकाशित) 

Views: 441

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on March 13, 2015 at 9:18am

बहुत सुंदर आदरणीय आमोद कुमार जी बहुत बहुत बधाई आपको

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on March 12, 2015 at 8:44pm

आदरणीय महर्षि त्रिपाठी जी से सहमत!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 12, 2015 at 8:10pm

सुंदर कविता . बधाई आदरणीय आमोद जी

Comment by Shyam Mathpal on March 12, 2015 at 2:40pm

Aadarniya Amod Kumar Ji,

Sundar kavita ke liye badhai.

Comment by Hari Prakash Dubey on March 12, 2015 at 2:33pm

आदरणीय आमोद कुमार श्रीवास्तव जी, सुन्दर रचना ,बधाई आपको ! सादर 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 12, 2015 at 11:19am

सुन्दर कविता !!  हार्दिक बधाई !

Comment by Dr. Vijai Shanker on March 12, 2015 at 5:03am
रोचक प्रस्तुति आदरणीय आमोद कुमार श्रीवास्तव जी , बधाई , सादर।
Comment by maharshi tripathi on March 11, 2015 at 10:12pm

मेरी यादों की रजईयों 

को थोड़ी धूप दिखा देना 

और फिर सहेज कर रख देना 

जब ठंड आएगी 

रिश्तों की गर्माहट के लिए 

निकाल लेना फिर से .... रज़ाई 

लक्ष्मण बूटी भी निखर रहा है 

ओ-हो- मौसम बदल रहा है .... लाजवाब पंक्तियाँ आपको हार्दिक बधाई आ.आमोद कुमार जी |

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 11, 2015 at 9:11pm

सुन्दर कविता!! आपको बधाई!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service