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तू आज नहीं आयी तो जान ये जानी है
मैं रोज कहूँ ऐसा ये बात पुरानी है
......
कुछ वादे तेरे झूठे कुछ तोड दिये मैंने
ये कैसी मुहब्बत है ये कैसी कहानी है
...
बस चाँद सितारे हैं जो साथ जगे मेरे
उनके ही सहारे से अब याद भुलानी है
..
जिस रोज उतर जाये उस रोज चले आना
कुछ दिन ही चलेगा बस ये जोश जवानी है
....
सच यार कहूँ दिल से हैं बात ये सब झूठी
तेरा मैं दिवाना हूँ तू मेरी दिवानी है
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उमेश कटारा
मौलिक व अप्रकाशित
Comment
आदरणीय Nilesh Shevgaonkar जी आभार
बहुत खूब ..वाह
आदरणीय JAWAHAR LAL SINGH जी आभार
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी आभार
आदरणीय उमेश भाई जी , बेहतरीन ग़ज़ल हुई है , क्या बात है , हार्दिक बधाइयाँ आपको
बेहतरीन गजल!
आदरणीय Samar kabeerजी आभार
आदरणीय somesh kumar जी आभार
जिस रोज उतर जाये उस रोज चले आना
कुछ दिन ही चलेगा बस ये जोश जवानी
जब कोई तुम्हारा हृदय तोड़ दे गीत की याद आ गई
तू आज नहीं आयी तो जान ये जानी है
मैं रोज कहूँ ऐसा ये बात पुरानी है-
आज के प्यार करने वालों का 90 % इसमें फीट हो जाए
बधाई !भाईजी
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