For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जिसे हर शय में................'जान' गोरखपुरी

१२२२ १२२२

जिसे हर शय में देखा था

नजर का मेरी धोखा था।

भरम तेरी निगाहों का

कोई जादू अनोखा था।

सदी बीती जहां लम्हों

मेरा जग वो झरोखा था।

बरसतीं खार आखें अब

लबों सागर जो सोखा था।

गया न इश्क खूँ रब्बा

चढ़ाया रंग चोखा था।

नसीबी ‘’जान’’ रोये क्यूँ

ख़ुदा का लेखा जोखा था।

******************************************

मौलिक व् अप्रकाशित (c) ‘जान’ गोरखपुरी

******************************************

Views: 587

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Hari Prakash Dubey on March 26, 2015 at 9:46am

सुन्दर ग़ज़ल,,बधाई आपको भाई कृष्ण मिश्र जी ! सादर 

Comment by Dr. Vijai Shanker on March 26, 2015 at 7:39am
बहुत सुन्दर प्रस्तुति, प्रिय कृष्ण जी , बधाई , सादर।
Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 25, 2015 at 10:57pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी!रचना पर आपकी सराहना पाकर रचनाकर्म सफल हुआ!लिखना सार्थक हुआ!बहुत बहुत आभार!सादर!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 25, 2015 at 10:41pm

छोटी बहर पर सुन्दर प्रस्तुति बहुत बहुत बधाई आपको कृष्ण जी 

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 25, 2015 at 10:25pm

आदरणीय! दिनेश सर आप जैसे फनकार से दाद पाकर मन हर्षित हुआ!!सदैव स्नेह बनाये रखें!सादर!

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 25, 2015 at 10:23pm

आदरणीय मिथिलेश सर हौसलाफजाई के लिए बहुत बहुत आभार! इस मंच और आप जैसे गुनीजनों के सानिध्य में सीख़ रहा हूँ!मेरा सौभाग्य है!आ० आपके मार्गदर्शन का सदैव आकान्छी हूँ!इसी प्रकार कृपा बनाये रक्खें!

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 25, 2015 at 10:18pm

आ० samar kabeer सरजी! आप जैसे गजलकार से दाद पाकर मन झूम-झूम गया है!आपके स्नेह एवम् मार्गदर्शन का सदैव आकान्छी हूँ!बहुत बहुत आभार!

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 25, 2015 at 10:16pm

आदरणीय मोहन सेठी 'इन्तजार' सर!आपका हौसलाफजाई मुझे बहुत बल प्रदान करती है! बहुत बहुत आभार सरजी!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on March 25, 2015 at 7:27pm

वाह वाह आदरणीय कृष्ण भाई जी छोटी बह्र में अच्छी ग़ज़ल हुई ..... बहुत बहुत बधाई 

Comment by दिनेश कुमार on March 25, 2015 at 7:19pm
वाह, अच्छी व प्यारी ग़ज़ल। बधाई स्वीकार करें भाई "जान" गोरखपुरी साहिब।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service