२ १ २ २
इश्क क्या है?
इक दुआ है
दिल इबादत
कर रहा है
अपना अपना
कायदा है
पत्थरों में
भी खुदा है
कौन किसका
हो सका है
नाम की ही
सब वफा है
बस मुहब्बत
आसरा है
बिन पिये दिल
झूमता है
आँख उसकी
मैकदा है
फूल कोई
खिल रहा है
कातिलाना
हर अदा है
क्या हुआ गर
बेवफा है
जहर भी तो
इक़ दवा है
अब मुकम्मल
फैसला है
तुम हो और ना
दूसरा है
बस गज़ल अब
हमनवा है
मै रदिफ वो
काफिया है
************************************
मौलिक व् अप्रकाशित (c) ‘जान’ गोरखपुरी
***********************************
Comment
वाह क्या कहना इतनी छोटी बहर में ग़ज़ल कहना कमाल ही है
आदरणीय कृष्णा भाई , बहुत बढ़िया एक रुक्नी गज़ल कही है , हार्दिक बधाई स्वीकार करें ॥ दिये आवश्यक सलाहों पर अमल कीजियेगा ॥
वाह वाह आदरणीय कृष्ण भाई जी शानदार ग़ज़ल हुई है. दाद ही दाद
वाह..उम्दा ..बधाई आपको..
बहुत अच्छे ..विद्वतजनो की राय बहुत काम की है
एक रुक्नी ग़ज़ल का अच्छा प्रयोग किया है ...
जहर की मात्रा २१ होती है
तू ही तू है न ..... इस मिसरे में आपने अतिरिक्त लघु लिया है मगर पढने में बहुत अटकाव है ,,,,
समर साहब की इस्लास पर भी गौर करें
हाँ समर साहब से एक निवेदन है कि ये रुक्ने रमल है ... खफीफ़ नहीं ...
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online