" दिमाग ख़राब हो गया है इस लड़की का ", मम्मी बुरी तरह परेशान थीं । इतना अच्छा घर और वर था फिर भी मना कर दिया । अपने आप को कोस रही थीं कि क्यों सब बता दिया उसको ।
" आपको कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता , इतने अस्पृह कैसे रह सकते हैं आप लोग "।
" अरे , घर में कौन काम करता है , इसमें तुम्हे क्या दिक़्क़त है "।
" माँ , जो इंसान अपने घर में एक बच्चे के काम करने पर इतना संवेदनहीन हो सकता है , वो मेरे प्रति संवेदनशील रह पायेगा "?
मौलिक एवम अप्रकाशित
Comment
बहुत बहुत आभार आदरणीया शशि बंशल जी .
बहुत बहुत आभार आदरणीय रीता गुप्ता जी , मुझे ख़ुशी है कि आप ने सराहा.
बहुत बहुत आभार आदरणीय सुशील सरना जी , मुझे ख़ुशी है की सन्देश पहुँच रहा है लघुकथा का .
बच्ची समझदार हॆ, इन्सान अपने से छोटे हॅसियत वालों से कॅसा व्यवहार करता हॆ मायने रखता हॅ ।आपकी कहानी की पात्र परिपक्व हॅ, बढियां निर्णय लेती कहानी ।बहुत खूब, फिर गिनती के ही शब्दोंमें ।
वाह बहुत खूब … लघु कथा अपने सन्देश को पहुंचाने में सफल है। हार्दिक बधाई आदरणीय।
बहुत बहुत आभार आदरणीय डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव साहब | आपका धन्यवाद जो आपने इतना समय दिया इस रचना पर..
आ० विनय जी
बहुत ध्यान से पढ़ा तब कथा के मर्म तक पहुंचा . आजकल लडकियां भी जागरूक है और वे किसी भी ऐरे गैरेके साथ बंधने को तैयार नहीं है . बेहतरीन प्रस्तुति शब्दों के कौशल से .
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online