(१ )
क्रोध बड़ा उसका जहरीला
मुखड़ा होता नीला पीला
छेड़ूँ तो दिखलाता दर्प
क्या सखि साजन
ना सखि सर्प
(२ )
झूम झूम कर मुझे रिझाता
अपनी ताकत सदा दिखाता
प्यार करूँ तो बनता साथी
क्या सखि साजन
ना सखि हाथी
(३ )
हाय मूढ़ की अजब कहानी
काटे तो माँगू ना पानी
क्रोघ करे तो भागे पिच्छू
क्या सखि साजन
ना सखि बिच्छू
(४ )
हर दम पानी पीता रहता
एक जगह पर बैठा रहता
गर्दन छोटी है पेट बड़ा
क्या सखि साजन
ना सखि घड़ा
(५)
सब गुण उसके हैं अनमोल
लगता कितना गोलमटोल
चाहे उसको दिल से दद्दू
क्या सखि साजन
ना सखि कद्दू
(६ )
पिद्दी होकर ताब दिखाता
फूँक मारते ही उड़ जाता
पँहुचे वहीँ जहाँ हो सापड़
क्या सखि साजन
ना सखि पापड़
--------
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
लाजवाब! आदरणीया मन आनन्दित हो गया !
बहुत- बहुत धन्यवाद नरेंद्र सिंह जी.
खूब सुन्दर रचनाए ,
विनय कुमार जी ,आपने कहमुकरियों में हास्य रस का लुत्फ़ उठाया ,मेरा लिखना सार्थक हुआ दिल से आभार आपका .
बहुत सुन्दर और रोचक कहमुकरियाँ , बधाई इस रचना के लिए आदरणीया राजेश कुमारी जी.
केवल प्रसाद भैय्या ,आपको पढ़कर मजा आया मेरा लिखना सार्थक हुआ दिल से बहुत- बहुत शुक्रिया
आ0 राजेश'दी जी, सुंदर व रोचक कहमुकरियो के लिये हार्दिक बधाई. सादर
आ० निधि अग्रवाल जी, आपको प्रस्तुति पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुआ दिल से आभार आपका |आपका फोटो देख कर हर्ष हो रहा है एक बढ़िया व्यक्तित्व से समृद्ध हैं आप |शुभकामनाएँ.
आ० कांता रॉय जी ,ये कह्मुकरियां आपको आनंद दे गई मेरा लिखना सफल हुआ दिल से आभार आपका |
:) मस्त है कह्मुकरियाँ आदरणीय राजेश जी
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online