“ये देखो विज्ञान आज कितनी तरक्की कर रहा है कितनी अद्दभुत मशीन बना डाली, पुरुष भी महसूस करके देख सकते हैं अब प्रसव वेदना को|" टाइम्स ऑफ़ इण्डिया में हेडिंग Chinese men get a taste of labor pain with a machine को पढ़ते हुए प्रोफ़ेसर बक्शी अपनी पत्नी से अचानक बोल उठे
”पापा क्या कभी कोई ऐसी मशीन भी बन पाएगी जो रेप के दर्द को भी पुरुष महसूस कर सकें” थोड़ी दूरी पर बैठी बेटी के अचानक इस प्रश्न ने पापा को अन्दर तक झिंझोड़ कर रख दिया बेटी के सिर पर हाथ फिराते हुए अपनी आँखों में आये आँसुओं को छुपाने के लिए अन्दर चले गए|
(मौलिक एवं अप्रकाशित)
Comment
कथा का पुरुष संवेदनशील है इसलिए आँखों में आंसू आये वरना आम पुरुष इस बात को कोरी भावुकता और किताबी बात कहकर परे कर देता I झटका देने वाली कहानी है आ० राजेश कुमारी जी
आदरणीया राजेश कुमारी जी, बहुत ही बेहतरीन संवेदनाओं से परिपूर्ण मार्मिक लघुकथा है। लघुकथा की पंच लाइन इतनी सशक्त और असरदार है पढते पढते आंखें नम हो गईं। बधाई स्वीकार करें।
जो कुछ वर्ड अंग्रेजी हैं अगर उनको हिंदी लिपि में लिखा जाए तो कथा और अच्छी लगेगी।
प्रशांत प्रियदर्शी जी,इस लघु कथा ने आपको प्रभावित किया मेरा लिखना सार्थक हुआ दिल से आभार आपका |
आ० रीता गुप्ता जी,आपको लघु कथा पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुआ दिल से आभारी हूँ |
आ० डॉ० नीरज जी,लघु कथा के अनुमोदन हेतु आपका दिल से आभार |
वाह!! बेहतरीन कृति!! सोचने पर मजबूर करती हुई, पूर्णतः सामयिक एवं प्रासंगिक रचना.
गजब ,बढ़िया .लाख टके का सवाल एक बच्ची के मुख से .
बहुत ही मार्मिक रचना। सही सवाल बच्ची का। बधाई आ. राजेश कुमारी जी।
आ० कांता जी ,लघु कथा के अनुमोदन हेतु दिल से आभार लीजिये | जिस देश में रेपिस्ट खुले घूमते हों ,या जेलों में मेहमान बना कर रखे हों उस देश से क्या उम्मीद कर सकते हैं कांता जी .
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online