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नकारात्मक पहलू यदि व्यंग्य में न हो तो किसी तौर पर समाज को जगाने का काम नहीं करते. बल्कि और हताश ही करते हैं.
ऐसी किसी सोच से यदि आप प्रभावित हैं तो उचित होगा आप बचिये.
शुभेच्छाएँ
हिन्दू मुस्लिम चिल्लाओ सब, राम रहीम भले गाओ सब।
जब तक लोभ नहीं त्यागोगे, भारत नहीं निखरनें वाला।।.....वाह ! बहुत खूब कही है आपने ये शेर भी , लाजवाब ! लोभ की तो बात ही भली कहा आपने आदरणीय मिथिलेश जी ,जाने ये क्या बला होती है कि पेट ही नहीं भरता है इस लोभ का ।
आदरणीय सौरभ पाण्डेय सर, आपका सुझाव बढ़िया है लेकिन ये शीर्षक लोगों को जगाने की नीयत से चुना गया है; ये दिल पर चिट करने के उद्देश्य से चुना गया है।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति हुई है. हार्दिक बधाई आदरणीय पंकज जी.
ऐसी सकारात्मक रचना का शीर्षक निहायत नकारात्मक है, भाईजी. आपकी कोशिशों को सलाम..
आदरणीय पंकज भाई , लाजवाब बातें कहीं है आपने ! हार्दिक बधाई आपको । काफिये मे अनुस्वार बिन्दु लगाने की ज़रूरत नही है , हटा लीजियेगा ।
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