रोबोट घंटों लगातार काम करता है
और कुछ ही समय में फिर से रीचार्ज हो जाता है
कारखाने से कबाड़खाने तक
रोबोट कहीं नियम नहीं तोड़ता
रोबोट चुपचाप सुनता है उच्चाधिकारियों की सारी बातें
और इजाज़त मिलने पर ही बोलता है
रोबोट बिना किसी विरोध के उन सारी बातों में यकीन कर लेता है
जो उसकी मेमोरी में भरी जाती हैं
रोबोट अपने मालिकों के लिए ढेर सारा पैसा कमाता है
और बदले में उसे सिर्फ़ रीचार्ज और मेन्टीनेन्स मिलता है
रोबोट में भरी जा सकती हैं दुनिया भर की सूचनाएँ
रोबोट कर सकता है दुनिया के सारे काम
रोबोट को इंसान से बेहतर बनाया जा सकता है
रोबोट की मदद लेकर इंसान को बेहतर बनाया जा सकता है
लेकिन रोबोट को कभी इंसान नहीं बनाया जा सकता
क्योंकि रोबोट को दर्द नहीं होता
और अपनी तमाम योग्यताओं के बावजूद
रोबोट महज़ एक सामान भर है
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(मौलिक एवं अप्रकाशित)
Comment
बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय सौरभ जी
रोबो के माध्यम से संवेदना के पहलू को बखूबी उभारने का प्रयास भला लगा आदरणीय धर्मेन्द्रजी.
बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय शिज्जू जी
बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय राजेश कुमारी जी
बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय जवाहर लाल जी
बहुत अच्छी कविता रोबोट का बिम्ब लेकर अधीनस्थ कर्मचारी के क्या खूब हालात बयाँ किये रोबोट हो या नौकर या अधीनस्थ कर्मचारी
यही तो स्थिति है |बधाई आपको
अधीनस्थ कर्मचारी/अधिकारी रोबोट ही तो हैं खासकर निजी संस्थानों में
बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय मिथिलेश जी
आदरणीय बड़े भाई धर्मेन्द्र जी, सही कहा आपने रोबोट ही हो गए है आजकल...यही है नौकर होने का मतलब .... इस शानदार प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई
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