ईश कृपा से ही हुऐ, सात दशक ये पार,
बाँट सका सुख-दुख सदा,उन सबका आभार | - 1
सहयोगी मन भाव से, दिया जिन्होनें साथ,
आभारी उनका सदा, भली करेंगे नाथ | - 2
सीख मिली जिनसे सदा, उनका ऐसा कर्ज,
चुका सकूँ क्या मौल मै, पूरा करने फर्ज | = 3
गुरुजन को मै दे सकूँ, क्या ऐसी सौगात,
सूरज सम्मुख दीप की, आखिर क्या औकात |-4
कृपा करे माँ शारदा, तब कुछ मिलता ज्ञान,
विद्वजनों के योग से, लिया सदा संज्ञान | = 5
गुरुजन को मै दे सकूँ, क्या ऐसी सौगात,
सूरज सम्मुख दीप की, क्या कोई औकात | - 6
जय हो वीणा वादिनी, जिसने किया कृतज्ञ
साहित्यिक पहचान मिली, बना हुआ था अज्ञ | - 7
जन्म दिवस पर सब मुझे, करो अगर स्वीकार
मुक्त ह्रदय से कर रहा, नत मस्तक आभार | - 8
विभू मुझे देना सदा, अमर प्रेम की गंध,
प्रेम प्रीत दिल में रहे, मधुर भाव सम्बन्ध | - 9
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(मौलिक व अप्रकाशित)
Comment
बहुत बहुत आभार आपका श्री श्याम नारायण वर्मा जी | सादर
बहुत बहुत आभार आदरणीय श्री JAWAHAR LAL SINGH जी | सादर
रचित दोहे सराहने के लिए और शुभ कामनाओं के लिए ह्रदय से आपका आभार आदरणीय श्री सत्यनारायण सिंह जी | सादर
हार्दिक आभार आपका श्री सतविंदर सिंह जी
विभू मुझे देना सदा, अमर प्रेम की गंध,
प्रेम प्रीत दिल में रहे, मधुर भाव सम्बन्ध .
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लड़ियाँ कुण्डलियाँ बने, ऐसे अग्रज आप
नेह प्रेम मन में बसे, रहे न कोई शाप!
आदरणीय लडीवाला साहब, आपके जन्म दिन की अनन्त शुभकामनाएं !
आदरणीय लडिवाला जी सादर
जन्मदिन पर बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं.......
आने वाला प्रत्येक नया दिन, आपके जीवन में अनेकानेक सफलताएँ एवं
अपार खुशियाँ लेकर आये ! आपका जीवन दीर्घायु एवं निरामय हो यही ईश्वर से नेक कामना चाहता हूँ.
जन्मदिन के शुभ अवसर पर सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई आदरणीय
सादर
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