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दिल की बात ( जानकी बिष्ट वाही )

" माँ ! आप मुझे ज़रा भी प्यार नहीं करती । शौर्य ने उलाहना देते हुए कहा।
" ऐसे क्यों बोला मेरे लाल ?"
" क्योंकि आप हमेशा अबीर,आनिया और मेहुल की तारीफ़ करती रहती हो।" नीली आँखों में नमी तैर आई।
" आप तो मेरे राजकुमार हैं ।" मीता ने शौर्य को गले से लगा लिया ।
"माँ ! आप हमेशा कहती हो अबीर पढ़ने में अच्छा है।आनिया की ड्रॉइंग बहुत अच्छी है। मेहुल तीन बार दूध पीता है।मैं उनके जैसा नहीं हूँ ।गन्दा बच्चा हूँ ना ?
"ऐसी बातें नहीं करते , नहीं तो मेरा दिल टूट जाएगा । आप तो मेरे दिल के टुकड़े हो। " मीता के कलेज़े में दर्द की लहर उठी।
" माँ ! दिल भी टूटता है क्या ?"
" हाँ बेटू ! आपको दुःख होगा तो टूटेगा ना ? मैं आपकी आँखों में आँसू नहीं देख सकती। आपको तो मेरी भी उम्र लग जाये ।"
" माँ ! जब आप मुझसे इतना प्यार करती हो, तो दूसरे बच्चों से मेरी तुलना क्यों करती हो ?"

मौलिक एवम् अप्रकाशित

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Comment by Janki wahie on February 5, 2016 at 3:33pm
तहेदिल से शुक्रिया सखी
Comment by Janki wahie on February 5, 2016 at 3:32pm
सादर आभार आ.मिथिलेश सर जी
Comment by TEJ VEER SINGH on February 5, 2016 at 10:23am

हार्दिक बधाई आदरणीय जानकी जी!बेहतरीन प्रस्तुति!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on February 4, 2016 at 11:04pm

आदरणीया जानकी जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति. लघुकथा अपने कथ्य को प्रेषित करने में सफल है.इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर 

Comment by Samar kabeer on February 4, 2016 at 6:02pm
मोहतरमा जानकी जी आदाब,इस प्रस्तुति के लिये बधाई स्वीकार करें !
Comment by kanta roy on February 4, 2016 at 5:48pm
वाह ! बहुत ही सुंदर सम्प्रेषण हुआ है यहाँ भावों का आदरणीया जानकी जी । बधाई स्वीकार करें ।
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on February 4, 2016 at 5:27pm
वाह्ह्ह्ह्!नादाँ पर वाज़िब सवाल।
Comment by Rahila on February 4, 2016 at 1:19pm
बहुत आम समस्या जिसके बहुत बुरे परिणाम । बहुत अच्छी रचना प्रिय जानकी दी! बच्चों को बहुत आहत करती है तुलना । बहुत बधाई इस रचना हेतु । सादर ।

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