For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मौकापरस्त – ( लघुकथा ) –

समूचा क्षेत्र सूखे और अकाल की चपेट में था! चारों ओर त्राहि त्राहि मची हुई थी!लोग एक एक बूंद पानी को तरस रहे थे!ऐसे में  गॉव के प्रधान वीर पाल ने आस पास के सभी गॉवों में मुनादी पिटवा दी कि बारिस करवाने के लिये महायज्ञ और भागवत कथा का आयोजन कराया जा रहा है!यह कार्य क्रम पंद्रह दिन चलेगा!मथुरा वृंदावन से साधु संत और भागवत कथा वाचक बुलाये जायेंगे!अनुमानित खर्चा इक्यावन हज़ार के लगभग  होगा!सभी लोग अपनी सामर्थ्य और श्रद्धा से इस दान पुन्य के महोत्सव मे बढ चढ कर भाग लें!

नियत तिथि पर प्रधान जी के जानवरों के घेर(परकोटा )में यह शुभ कार्य  प्रारंभ हो गया!मुख्य द्वार पर प्रधान जी का पुत्र रसीद बुक लेकर चंदा वसूली का कार्य संभाल रहा था!सुबह से शाम तक लोगों का तांता लगा हुआ था! अच्छी खासी क़माई हो रही थी! नगदी के अलावा फ़लफ़ूल,मिठाई और मेवे भी भरपूर आ रहे थे!

पूरे पंद्रह दिन बाद इस महा यज्ञ की पूर्णाहुति हो गयी!लोग अब बारिस का बेसब्री से इंतज़ार करने लगे!

शाम को उसी घेर में प्रधान जी और उनका बेटा प्रसाद के रूप में सोमरस ग्रहण  कर रहे थे!

"बापू, अगर अब भी  बारिस नहीं हुई तो"!

"तो क्या होगा,अपनी  तिज़ोरी में तो भरपूर धन वर्षा हो गयी ना"!

 मौलिक व अप्रकाशित

Views: 690

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on March 14, 2016 at 2:03pm

हार्दिक आभार आदरणीय विजय जी!

Comment by vijay nikore on March 14, 2016 at 1:12pm

लघु कथा बहुत सुन्दर बनी है। हार्दिक बधाई।

Comment by TEJ VEER SINGH on March 8, 2016 at 1:13pm

हार्दिक आभार आदरणीय तस्दीक अहमद खान साहब जी!

Comment by TEJ VEER SINGH on March 8, 2016 at 1:12pm

हार्दिक आभार आदरणीय सुशील सरना जी!

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on March 7, 2016 at 9:08pm

मोहतरम जनाब तेजवीर साहिब ,   अन्धविश्वास पर अच्छा कटाछ ,   अच्छी लघु कथा। .. मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं

Comment by Sushil Sarna on March 7, 2016 at 9:03pm

मौकापरस्ती को दर्शाती सुंदर लघुकथा की प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई आदरणीय तेज वीर सिंह जी। 

Comment by TEJ VEER SINGH on March 7, 2016 at 8:07pm

हार्दिक आभार आदरणीय राहिला जी!

Comment by TEJ VEER SINGH on March 7, 2016 at 8:07pm

हार्दिक आभार आदरणीय डॉ विजय शंकर जी!

Comment by Rahila on March 7, 2016 at 7:33pm
बहुत शानदार रचना हुई आदरणीय सर जी! बहुत बधाई ।सादर
Comment by Dr. Vijai Shanker on March 7, 2016 at 6:11pm
होता तो यही है , लोग लुट कर भी खुश होते हैं और तिजोरी भरने वाले को अनुष्ठान कराने के लिए दुआ भी देते हैं।
बड़ी दमदार कथा है। बधाई , आदरणीय तेजवीर सिंह जी , सादर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। विस्तृत टिप्पणी से उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
7 hours ago
Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
19 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
19 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
20 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर विस्तृत और मार्गदर्शक टिप्पणी के लिए आभार // कहो आँधियों…"
yesterday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"कुंडलिया  उजाला गया फैल है,देश में चहुँ ओर अंधे सभी मिलजुल के,खूब मचाएं शोर खूब मचाएं शोर,…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"गजल**किसी दीप का मन अगर हम गुनेंगेअँधेरों    को   हरने  उजाला …"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service