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ब्रेकिंग न्यूज़

"अबे तू मुंह बन्द करके बैठेगा, देखता नहीं बड़े लोग आपस में बात कर रहे हैं"

थानेदार ने घुड़की पिलाई और पत्रकार मित्र की ओर खींसे निपोरी। बेचारा शंकरा और सिमट गया, मुलिया ने बारह वर्षीया चुन्नी के पैरों पर का कपड़ा ठीक किया और बड़बड़ाने लगी दिमाग ठिकाने नहीं था उसका जब से बेटी की ऐसी हालत देखी थी चारों तरफ लाल ही रंग दिख रहा था उसे। पत्रकार महोदय ने कहा:

"ये तो और भी अच्छा है कि शंकरा नेता जी के घर के पास वाली झुग्गियों में रहता है नहीं तो चैनल मुझे नौकरी से ही निकाल देता अब लपेटता हूं नेता जी को भी आखिर मुझे भी तो प्रमोशन चाहिये। फोटो दिलवाओ ज़रा भाई साब" उसने थानेदार से कहा।

फोटोग्राफर ने दर्द से तड़पती चुन्नी के पैर से कपड़ा ऊपर किया और कहा अरे फोटो तो ठीक से लेने दो लोगों की सहानुभूति कैसे मिलेगी। मुलिया रात को हैवानियत का शिकार हुयी चुन्नी पर और भी झुक गयी जैसे पूरा का पूरा ढक लेगी अपनी लाड़ली को।

(मौलिक और अप्रकाशित)

आभा चन्द्रा

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Comment by Abha Chandra on June 4, 2016 at 11:31am

आदरणीय समर कबीर साहेब बहुत बहुत शुक्रिया सराहना के लिए सादर नमन 

Comment by pratibha pande on June 4, 2016 at 9:22am

हमारी कानून व्यवस्था और  हादसों को भुनाने में लगे  मीडिया वाले और इन सब के बीच पिसता न्याय की गुहार लगता पीड़ित  ये है आज की कडवी सच्चाई    ,  इस संवेदनशील प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई प्रेषित है आपको आदरणीया आभा  चंद्रा जी  

Comment by Dr. Vijai Shanker on June 3, 2016 at 5:39pm
ब्रेकिंग न्यूज़ अर्थात तोड़ने वाली खबर , जो तोड़ दे , तोड़ कर रख दे, उन्हें ,जिनके बारे में हो और उन्हें भी जो देखें और सुने। कुछ तोड़ोगे तभी तो कुछ ( प्रमोशन ) पाओगे। हादसे भी खूब कैश होते हैं , और तब तक ज़िंदा रखे जाते है ख़बरों में जबतक कुछ देते रहें। हादसे ऐसा कोई प्रयास तो दिखता नहीं.
अच्छी प्रस्तुति , बधाई, आदरणीय सुश्री आभा चंद्रा जी , सादर।
Comment by Samar kabeer on June 3, 2016 at 5:08pm
मोहतरमा आभा चन्द्रा जी आदाब,अच्छी लगी आपकी लघुकथा बधाई स्वीकार करें ।

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