“अम्मा हो सकता है कि पुलिस आपसे भी पूछताछ करे I आपको बस इतना कहना है कि मै तो हफ्ते भर पहले ही आई हूँ यहाँ , कुछ ज्यादा नहीं जानती और .." बेटा बोले जा रहा था पर सुमित्रा जी का दिमाग़ सुन्न था I
बेटे के यहाँ काम करने वाली बाई सीता ने कल रात पति से झगडे के बाद फाँसी लगा ली थीI
सुमित्रा जी दस दिन पहले ही बेटे के पास मुंबई आई थीं I बेटे बहू के काम पर जाने के बाद सीता के साथ सुख दुःख की बातें चलती रहती थीं उनकीI परसों बहू ने समझाया कि बाई से काम के अलावा ज्यादा बात चीत नहीं किया करें I बड़े शहर में ये सब नहीं चलता I
“क्या हुआ अम्मा ?आपको समझ आया जो इन्होने समझाया ?” बहू ने कंधे झंक्झोरे उनके I
“हाँ ..हाँ वो .वो सीता दो दिन से परेशान लग रही थी “ सुमित्रा जी अपने में बुद्बुदानें लगीं:
“अगर मै पूछ लेती कि क्या हुआ .तो..तो शायद ..”I
मौलिक व् अप्रकाशित
Comment
अगर मै पूछ लेती कि क्या हुआ .तो..तो शायद ..”I
आ. प्रतिभा जी मन के द्वन्द का इस लघु कथा में आपने बहुत ही सुंदर चित्रण किया है। पांच लाइन शीर्षक को सार्थक करती है और कथा की गहनता की द्योतक है। इस सुंदर लघु कथा के लिए हार्दिक बधाई स्वीकारें आदरणीया जी।
बहुत ही सुंदर लघु कथा ...अंत बहुत ही गहरा रहा .....सुंदर पञ्च !! दाद !! आ० pratibha pande जी !!
सादर !!
शीर्षक को पूर्णतः सार्थक करती बहुत अच्छी लघु कथा हुई कई बार हम वक़्त हाथ से निकलने पर पछताते रह जाते हैं |आज के बच्चे आज के माहौल को देखते हुए असम्वेदन शील हो गए हैं कौन पुलिस लाइन कोर्ट कचहरी के चक्कर काटना चाहता है |दो पीढ़ियों की सोच को बहुत सुन्दरता से शाब्दिक किया है |हार्दिक बधाई प्रिय प्रतिभा जी |
बहुत बढ़िया लघुकथा , हार्दिक बधाई स्वीकारें सादर
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online