22 22 22 22 22 22 बहरे मीर
फोकट की ये बातें हमको मत गिनवाओ
नकली उख़ड़ी सांसें, हमको मत गिनवाओ
खंज़र वाले हाथ कभी काँपे क्या उनके ?
आज हुई प्रतिघातें, हमको मत गिनवाओ
वर्षों से सूरज का ख़्वाब दिखाते आये
अब तो काली रातें हमको मत गिनवाओ
शहर शहर को तोड़ तोड़ के गाँव करो तुम
बची खुची चौपालें हमको मत गिनवाओ
फुलवारी के बीच बनी थी हर पगडंडी
कोलतार की सड़कें हमको मत गिनवाओ
क्षितिज छू रहीं बाहों का विस्तार कहाँ है
सिमटी लूली बाहें , हमको मत गिनवाओ
कहीं शरारे दौड़ न जायें फिर नस नस में
इतिहासों की घातें ,हमको मत गिनवाओ
प्यासे को तो रोज़ चाहिये पानी यारो
मरु थल में सौगातें, हमको मत गिनवाओ
सरहद पार के झूठे रिश्ते आम हो गये
अब तो उनकी चाहें हमको मत गिनवाओ
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मौलिक एवँ अप्रकाशित
Comment
आदरणीय आशुतोष भाई , गज़ल की सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार ।
इस बहर मे मुख्य बात है , लय । आप 22 को 112 , 121 , 211 लय को साधते हुये कर सकते हैं , कहीं कहीं 1212 ( अगर- मगर ) के उदाहरण भी मिलते हैं , बस लय टूटना नही चाहिये । मात्रा आप गिरा भी सकते हैं । मेरे खयाल से यही आप पूछना चाहते थे ।
आदरनीया राजेश जी , गज़ल पर उपस्थिति और सराहना के लिये आपका ह्र्दय से आभार
आदरणीय गिरिराज भाईसाब बहरे मेरे पर एक से एक उम्दा ग़ज़लें लिख रहे हैं आप ..भाई साब जिज्ञासा बश पूछ रहा हूँ २२ १२१ ११२ २११ के क्रम में क्या यह जरूरी है २२ की शर्त इन तीनो आप्शन से पूरी हो शहर शहर २ १ २ १ २ २२ बात को पूरी तरह से व्यक्त नहीं कर पा रहा हूँ क्या २२ २२ की शर्त हर जगह पूरी की जाना अनिवार्य है या ओवर आल २२ २२ २२ मान लिया जाए ..मैं इस बिंदु पर बार बार खुद अटक जाता था इसलिए निवेदन के साथ पूछ रहा हूँ इस शानदार रचना पर हार्दिक बधाई और सादर प्रणाम के साथ
फुलवारी के बीच बनी थी हर पगडंडी
कोलतार की सड़कें हमको मत गिनवाओ ------वाह्ह्ह्हह
बहुत उम्दा ग़ज़ल हुई आद० गिरिराज जी बहुत बहुत बधाई |
आदरणीय मनोज भाई , सराहना के लिये आपका आभार ।
आदरनीया कल्पना जी , गज़ल की सराहना के लिये आपका हृदय से आभारी हूँ ।
आदरणीय समर भाई , हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया ।
आदरणीय आपने सही कहा , पिछली 8 -10 गज़लें बहरे मीर मे कही है मैने । दर अस्ल बात ये थी कि मुझसे बहरेमीर मे लय साधने मे कुछ न कुछ कमी रह जाती थी , इसलिये मैने आ. सौरभ भाई जी से इक तरफा वादा किया था , एक प्रतिक्रिया मे , कि आगे कुछ गज़लें लगातार बहरे मीर मे ही कहूँगा । बस इसीलिये इस बहर मे कह रहा हूँ । अभी 5 -7 और बाक़ी है पोस्ट करने के लिये ।
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