पड़े आफ़ात तो छुपता किसी मशहूर का बेटा
कलेजा शेर का रखता मगर मजदूर का बेटा
कहीं ऊपर जमीं के उड़ रहा मगरूर का बेटा
जमीं को चूमता चलता किसी मजबूर का बेटा
कई तलवार बाहर म्यान से आती दिखाई दें
पकड़कर हाथ राधा का चले जो नूर का बेटा
सिखाने पर परायों के भरा है जह्र नफरत का
चला हस्ती मिटाने को कोई अखनूर का बेटा
कदम पीछे हटा लेता जहाँ उसकी जरूरत हो
हर इक रहबर फ़कत कहने को है जम्हूर का बेटा
सरापा थाम लेती है तुम्हें अंगूर की बेटी
अगर होता तो क्या देता तुम्हें अंगूर का बेटा
हुनर में डूब कर उसके कलम करता ग़ज़ल गोई
ग़ज़ल में नाम उसका लिख दिया संतूर का बेटा
--------मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आद० गंगाधर शर्मा जी, आपको ग़ज़ल पसंद आई आपकी जर्रानवाजी का तहे दिल से शुक्रिया |
आदरणीया ....बहुत बढ़िया गज़ल के लिये बधाई...
कई तलवार बाहर म्यान से आती दिखाई दें
पकड़कर हाथ राधा का चले जो नूर का बेटा...........कमाल ....बिल्कुल ठीक....वाह...
आद० ब्रिजेश कुमार ब्रज जी ,आपको ग़ज़ल पसंद आई आपका तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया |
क्या बात क्या बात....बहुत ही शानदार ग़ज़ल सादर बधाई आदरणिया
आद० प्रतिभा पाण्डेय जी,ग़ज़ल पर होंस्लाफाई करती आपकी दाद सर आँखों पर | कभी अखनूर शह्र दंगे फसाद के लिए अधिकतर चर्चा में रहता था | सच बात तो ये है की कश्मीर के युवा बाहरी ताकतों से बरगलाए जा रहे हैं ये स्थिति सोचनीय है आज कल के हालात भी दुखदाई हैं मेरा कश्मीर कई बार आना जाना हुआ वहाँ की अवाम से रूबरू हुई उनके विचार जाने कोई परिवार नहीं चाहता दंगे फसाद किन्तु उनको लालच ले डूबता है | अपने विचार साझा करने का बहुत बहुत शुक्रिया |
आद० डॉ. आशुतोष जी,आपसे मिली दाद हमेशा तोषकारी होती है उत्साह वर्धन होता है आपका तहे दिल से बहुत- बहुत शुक्रिया|
आद० धर्मेन्द्र जी,ग़ज़ल पर आपकी दाद मिली ग़ज़ल धन्य हो गई आपका तहे दिल से शुक्रिया |
कई तलवार बाहर म्यान से आती दिखाई दें
पकड़कर हाथ राधा का चले जो नूर का बेटा.....वाह
सिखाने पर परायों के भरा है जह्र नफरत का
चला हस्ती मिटाने को कोई अखनूर का बेटा....i अखनूर शब्द ने बहुत सारी यादें ताज़ा कर दीं ,तीन साल वहां रही हूँ
बहुत खूबसूरत ग़ज़ल ,ढेरों बधाई स्वीकार करें आदरणीया राजेश जी
आदरणीया राजेश जी ..आपकी ये ग़ज़ल तो बिलकुल अलग अंदाज में है ..नूर का बेटा ..अखनूर का बे टा ..ये प्रयोग बहुत पसंद आये ..अखनूर का बे टा आपकी चर्चा के दौरान जान सका ..बेहद शानदार ग़ज़ल के लिए ढेर सारी बधाई स्वीकार करिए सादर प्रणाम के साथ
बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है आदरणीया राजेश कुमारी जी, दाद कुबूल करें
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