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वाह | बहुत सुंदर ग़ज़ल हुई है | हार्दिक बधाई आदरणीय |
आ. सुरेश जी, आ. शिज्जु जी, आ. प्राची जी, आ. गिरिराज भंडारी जी, आ. रामबली गुप्ता जी..आप सब का तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ। अपना स्नेह बनाएं रखें। सादर!
आ समर कबीर जी, आ रवि शुक्ला जी, आपलोगों ने मेरी रचना पर उपस्थित होकर हौसला आफजाई की इसके लिए आपलोगों का हार्दिक धन्यवादी हूँ।
चौथे शेर के ऊला में दरअस्ल "मिलाकर" लफ्ज़ ग़लत टाइप हो गया है इसिलए लय बाधित हो रही है। सादर!
आ. जयनित भाई , अच्छी गज़ल हुई है , हार्दिक बधाइयाँ । चौथे शेर का दूसरा रुक्न देखें फिर से ।
बहुत मीठी ग़ज़ल
सभी अशआर पसंद आये
हार्दिक बधाई आ० जयनित जी
बहुत बहुत बधाई जयनित जी अच्छे अशआर हुए हैं चौथे शेर की तरफ आ.रवि शुक्ला जी तथा जनाब समर कबीर साहब बता ही चुके है
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