For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मखमली यादों में लिपटी ज़िन्दगानी और है- शिज्जु शकूर

2122 2122 2122 212

मखमली यादों में लिपटी ज़िन्दगानी और है

वो लड़कपन खूब था अब ये  जवानी और है

 

आसमाँ सर पर उठाकर तूने साबित कर दिया

तेरा किस्सा और कुछ था हक़बयानी और है

 

मैं छुपाता हूँ जहाँ से दर्द-ए-दिल ये बोलकर

हिज़्र की तासीर कुछ मेरी कहानी और है

 

वस्ल की बातें वो लमहे भूल भी जाऊँ मगर

मेरे दिल में इक मुहब्बत की निशानी और है

 

आबले हाथों के मुझसे कह रहे हैं फूटकर

कामयाबी और शय है जाँफ़िशानी और है

 

(हक़बयानी- सच्ची बात कहना, हिज्र- विरह, तासीर- असर,

वस्ल- मिलन, आबले- छाले, जाँफ़िशानी- कड़ी मेहनत)

 


-मौलिक व अप्रकाशित

Views: 951

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on November 28, 2016 at 2:47pm

मेरी ग़ज़ल को समय देने के लिए आप सभी का तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हूँ, आपकी मुहब्बत ही मेरी ताक़त है. इल्तिज़ा है इसी तरह हौसलाअफ़्ज़ाई करते रहें


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 12, 2016 at 7:08pm

बहुत  सुंदर  ग़ज़ल  बहुत  बहुत  मुबारकबाद  शिज्जू  भैया 

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on October 9, 2016 at 6:28pm

बहुत सुन्दर ग़ज़ल कही है आदरणीय शिज्जू जी दाद क़ुबूल फरमाएं 

Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on October 8, 2016 at 3:06pm
आदरणीय शिज्जू साहब खूबसूरत एवं बेहतरीन गजल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें । सादर ।
Comment by Kalipad Prasad Mandal on October 8, 2016 at 2:35pm

बहुत  खुबसूरत  ग़ज़ल  के लिए बधाई आ शिज्जू 'शकूर' जी !

Comment by नाथ सोनांचली on October 8, 2016 at 5:42am
बेहतरीन गजल आदरणीय, बधाई
Comment by Samar kabeer on October 7, 2016 at 11:50pm
जनाब शिज्जु शकूर जी आदाब,उम्दा ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबरकबाद क़ुबूल फ़रमाऐं ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 7, 2016 at 8:57pm

वाह्ह्ह  वाह  बहुत सुन्दर ग़ज़ल कही है शिज्जू भैय्या शेर दर शेर दाद क़ुबूल फरमाएं 

Comment by अलका 'कृष्णांशी' on October 7, 2016 at 8:42pm

आदरणीय शिज्जु "शकूर" जी बहुत सूंदर ग़ज़ल है .....कुछ नए शब्दों का प्रयोग भी सीखा मैंने आपकी रचना में।बहुत  बधाई।   सादर। 

Comment by PRAMOD SRIVASTAVA on October 7, 2016 at 8:35pm

शेर दर शेर वाह वाह वाह। मै बधाई ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service