For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गीतिका/हिंदी गजल(आनंदवर्द्धक छंद)

देश से अपने हमें तो प्यार है
देशद्रोही मत बनो, धिक्कार है।1

धूप-धरती सब मिले तुझको यहाँ
देश की तुझको सखे दरकार है।2

जड़ बिना पौधा कहीं पनपा नहीं
देश की माटी बड़ा आधार है।3

चल रहे हैं बेवजह के चुटकुले
भेदियों की हो गयी भरमार है।4

सनसनाते हैं यहाँ नारे बहुत
'भारती'माँ की कहो जयकार है।5

कैद तेरी बात अब क्यूँ हो गयी?
रे! जवानी को बड़ी ललकार है।6

रोशनी पूरब से' देखो हो रही
झाँक लो अंदर यही मनुहार है।7
मौलिक व अप्रकाशित@मनन

Views: 632

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 1, 2016 at 11:13pm
क्षमा कीजिएगा, मुझे अधिकतर युग्म समझने होंगे आपके मार्गदर्शन से।
Comment by Manan Kumar singh on November 1, 2016 at 9:55pm
आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय शहजाद उस्मानी जी। दुविधावाली पंक्तियों को इंगित करेंगे तो शायद मैं कुछ कह पाऊँ,सादर।
Comment by Manan Kumar singh on November 1, 2016 at 9:53pm
आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय ब्रजेश ब्रिज जी।
Comment by Manan Kumar singh on November 1, 2016 at 9:53pm
आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय समर कबीर जी।
Comment by Manan Kumar singh on November 1, 2016 at 9:51pm
आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय राम बली जी।
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on November 1, 2016 at 6:43pm
इस खूबसूरत देश भक्तिपूर्ण गीतिका के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 1, 2016 at 6:18pm
यह बहुत बढ़िया गीतिका ही हुई है। सादर हार्दिक बधाई आपको आदरणीय मनन कुमार सिंह जी। कुछ युग्मों में मुझे दोनों पंक्तियों में तालमेल कम सा महसूस हुआ है। हो सकता है कि मैं समझ नहीं पाया।
Comment by Samar kabeer on November 1, 2016 at 5:15pm
जनाब मनन कुमार सिंह जी आदाब,बढ़िया गीतिका हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
Comment by रामबली गुप्ता on November 1, 2016 at 5:12pm
वाह बहुत खूब आद0 मनन कुमार जी। सुंदर गीतिका हुई है बधाई लीजिये।सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service