For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल :चुनाव के दिन हैं

1212 1122 1212 22

हमें न ख़्वाब दिखाओ चुनाव के दिन हैं,
अभी तो होश में आओ चुनाव के दिन है ।

बला से कोई बने शाह मुल्क में माना,
तुम अपना फ़र्ज़ निभाओ चुनाव के दिन हैं।

ख़ता मुआफ़ उसूलों को आज रहने दो,
अदू से हाथ मिलाओ चुनाव के दिन हैं।

ये इत्तिहाद मुबारक़ हो ओहदों के लिए,
हिसाब और लगाओ चुनाव के दिन हैं।

गुज़िश्ता पाँच बरस का हिसाब पूछेंगे
कहाँ थे आप बताओ चुनाव के दिन हैं।

सहीह आज ये मौका बदल दो सूरते हाल,
कदम कदम ही बढ़ाओ चुनाव के दिन हैं।

जो चल रहे हैं ज़माने में ले के नफ़रत को,
सभी अलम वो जलाओ चुनाव के दिन है।

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 715

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ravi Shukla on February 15, 2017 at 2:06pm

आदरणीय मिथिलेश जी बहुत बहुत शुक्रिया गजल पर आपकी उपस्थिति से बहुत खुशी हुई । सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on February 15, 2017 at 11:29am
आदरणीय रवि जी, लाजवाब ग़ज़ल कही है आपने। दाद के साथ मुबारकबाद कुबूल फ़रमायें। सादर
Comment by Ravi Shukla on February 15, 2017 at 10:28am

आदरणीय राम बली जी बहुत बहुत धन्‍यवाद गजल पसंद आई आपको स्‍नेह ऐसे ही बनाये रखें जहां तक मिसरे के बहर में आपकी जिज्ञासा है शायद पहले रुक्‍न को लेकर होगी  तुम अपना में अलिफ वस्‍ल से मिसरा रुक्‍न के अनुसार बांधा है ।

Comment by Ravi Shukla on February 15, 2017 at 10:26am

आदरणीय समर साहब आदाब, सक्रियता बढ़ाने के लिये ताजा और प्रासंगिक गजल सफर के दौरान ही मोबाईल से पोस्‍ट की थी आपकी प्रतिक्रिया पाकर बहुत खुशी हुई । आभार स्‍वीकार करें ।

Comment by Ravi Shukla on February 15, 2017 at 10:25am

आदरणीय मोहम्‍मद आरिफ साहब गजल में शिरकत का तहे दिल से शुक्रिया । सादर

Comment by रामबली गुप्ता on February 14, 2017 at 6:34pm
वाह वाह गुरुदेव बाकमाल ग़ज़ल हुई है। दिल से बधाई लीजिये।
तुम अपना फ़र्ज़ निभाओ चुनाव के दिन हैं।
ये मिसरा बह्र में कैसे है? जिज्ञासा मात्र है।
Comment by Samar kabeer on February 14, 2017 at 6:10pm
जनाब रवि शुक्ल जी अच्छी ग़ज़ल हुई,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।
Comment by Mohammed Arif on February 14, 2017 at 5:40pm
आदरणीय रवि शुक्ला जी आदाब, सचमुच ही चुनावी बयार चल रही है । हर उम्मीदवार मतदताओं को लुभाने में लगा है । निर्णायक तो मतदता ही होते हैं । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"प्रस्तुति को आपने अनुमोदित किया, आपका हार्दिक आभार, आदरणीय रवि…"
20 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय, मैं भी पारिवारिक आयोजनों के सिलसिले में प्रवास पर हूँ. और, लगातार एक स्थान से दूसरे स्थान…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिन्द रायपुरी जी, सरसी छंदा में आपकी प्रस्तुति की अंतर्धारा तार्किक है और समाज के उस तबके…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपकी प्रस्तुत रचना का बहाव प्रभावी है. फिर भी, पड़े गर्मी या फटे बादल,…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी रचना से आयोजन आरम्भ हुआ है. इसकी पहली बधाई बनती…"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय / आदरणीया , सपरिवार प्रातः आठ बजे भांजे के ब्याह में राजनांदगांंव प्रस्थान करना है। रात्रि…"
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द ठिठुरे बचपन की मजबूरी, किसी तरह की आग बाहर लपटें जहरीली सी, भीतर भूखा नाग फिर भी नहीं…"
Saturday
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
Saturday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ पड़े गर्मी या फटे बादल, मानव है असहाय। ठंड बेरहम की रातों में, निर्धन हैं…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service