For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

 सरसी छंद

वृन्दावन की ले पिचकारी,बरसाने का रंग|

अंग अंग धो डालो पीकर ,महादेव की भंग|

राधा जैसी पावनता ले ,कान्हा जैसा प्यार|

बरसाओ पावन रंगों की ,रिमझिम मस्त फुहार| 

 

चन्दा से लेकर कुछ चाँदी ,औ सूरज से स्वर्ण|

केसर की क्यारी से चुनकर ,केसरिया नव पर्ण|

सच्चाई मन की अच्छाई ,साथ मिलाकर घोट|

पावन रंग बनाना  सच्चा ,नहीं मिलाना खोट|

 

द्वेष क्लेश से मैले मुखड़े ,जग में मिलें अनेक|

भूल हरा केसरिया आओ ,हों जाएँ सब एक|

भीतर से तन मन उजला हो,तभी सफल हो पर्व|

अपने भारत के पर्वों पर ,हम सब को हो गर्व|   

---------मौलिक एवं अप्रकाशित   

Views: 1422

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 16, 2017 at 7:27pm

प्रिय  कल्पना भट्ट जी ,आपको ये छंद पसंद आये बहुत बहुत आभार आपका .एक पुरानी पोस्ट को ताज़ा करने का भी शुक्रिया .

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on August 15, 2017 at 11:07pm

बहुत सुंदर छंद कहे हैं आपने आदरणीया राजेश दी | मजा आया पढ़कर | बहुत बहुत बधाई आपको | सादर |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 15, 2017 at 1:51pm

प्रिय सीमा मिश्रा जी ,आपको छंद पसंद आये आपका बहुत बहुत आभार |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 15, 2017 at 1:50pm

आद० अशोक रक्ताले जी ,आपकी प्रतिक्रिया से मन हर्षित है आपको छंद पसंद आये मेरा लिखना सार्थक हुआ दिल से आभारी हूँ . 



सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 15, 2017 at 1:49pm

आद० डॉ० आशुतोष जी ,आपकी प्रतिक्रिया से मन हर्षित है आपको छंद पसंद आये मेरा लिखना सार्थक हुआ दिल से आभारी हूँ . 

Comment by Ashok Kumar Raktale on March 15, 2017 at 11:33am
आदरणीया राजेश कुमारी सादर, होली की मस्ती और मेल मिलाप का पावन सन्देश लिए सभी सरसी छंद सुन्दर और मन भावन रचे हैं । बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें । सादर ।
Comment by Dr Ashutosh Mishra on March 14, 2017 at 8:09pm
आदरणीया राजेश जी होली पर इस शानदार रचना की सौगात के लिए ढेर सारी बधाई हरा केसरिया वाली पंक्ति से आपने सार्थक सन्देश के लिए हरसिक बधाई होली पर आपको भी शेर सारी शुभकामनाएं सादर

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 14, 2017 at 6:29pm

आद० समर भाई जी ,आपको ये सरसी छंद पसंद आये मेरा लिखना सार्थक हो गया आपका दिल से बहुत बहुत आभार .

Comment by Samar kabeer on March 14, 2017 at 6:04pm
बहना राजेश कुमारी जी आदाब,बहुत उम्दा सरसी छन्द लिखे आपने पढ़कर आनन्द आ गया,इस प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।
साथ ही होली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ।
Comment by Mohammed Arif on March 14, 2017 at 11:35am
आदरणीया राजेश कुमारी आदाब,सरसी छंद के बारे में जानकारी देने के लिए आपका तहेदिल से आभार ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय धर्मेन्द्र भाई, आपसे एक अरसे बाद संवाद की दशा बन रही है. इसकी अपार खुशी तो है ही, आपके…"
12 minutes ago
धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

शोक-संदेश (कविता)

अथाह दुःख और गहरी वेदना के साथ आप सबको यह सूचित करना पड़ रहा है कि आज हमारे बीच वह नहीं रहे जिन्हें…See More
15 hours ago
धर्मेन्द्र कुमार सिंह commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"बेहद मुश्किल काफ़िये को कितनी खूबसूरती से निभा गए आदरणीय, बधाई स्वीकारें सब की माँ को जो मैंने माँ…"
15 hours ago
धर्मेन्द्र कुमार सिंह commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी में (ग़ज़ल)
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। उत्तम गजल हुई है। हार्दिक बधाई। कोई लौटा ले उसे समझा-बुझा…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आयोजनों में सम्मिलित न होना और फिर आयोजन की शर्तों के अनुरूप रचनाकर्म कर इसी पटल पर प्रस्तुत किया…"
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
Tuesday
Admin posted discussions
Monday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service