For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल --ईद (ईद मुबारक बोल के फिर हम ईद मनाएंगे यारो )

ग़ज़ल --ईद (ईद मुबारक बोल के फिर हम ईद मनाएंगे यारो )
------------------------------------------------------------------------------
(बह्र हिन्दी --मुत्क़ारिब ,मुसम्मन ,मुज़ायफ )
रस्म गले मिलने की निभा कर हाथ मिलाएंगे यारो |
ईद मुबारक बोल के फिर हम ईद मनाएंगे यारो |

ख़ुद ही निकल जाएगी पुरानी सारी कड़वाहट दिल की
आज सिवैयाँ घर पे तुम्हें हम इतनी खिलाएंगे यारो |

सदक़ा और फितरे से ही यह अपनी ईद मनाते हैं
ईद के इस अहसान को मुफ़लिस कैसेभुलाएंगे यारो |

आज क़सम खाएँ यह मिल कर साथ हमारा सब देंगे
शमअ जलाकर उल्फ़त की हम घर घर जाएँगे यारो |

फ़र्क़ ग़रीबी और अमीरी का है कहाँ मिटता यूँ ही
लग के गले आपस में हम गुन ईद के गाएंगे यारो |

दर्स हमें बेहतर मिलता है ईद से भाई चारे का
इस पैग़ामे उल्फ़त को घर घर पहुँचाएंगे यारो |

दूर हुए तस्दीक़ गिले सब उनके मकां पर जाते ही
लगता यही है ईद वो मिलने घर पर आएंगे यारो |

(मौलिक व अप्रकाशित )

Views: 980

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on July 4, 2017 at 9:11pm
मुहतरम जनाब विजय साहिब ,ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on July 2, 2017 at 6:03pm
जनाब सुरेन्द्र नाथ साहिब,ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया
Comment by नाथ सोनांचली on July 2, 2017 at 2:40pm
जनाब तस्दीक़ अहमद साहिब आदाब,उम्दा ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ
Comment by vijay nikore on July 2, 2017 at 2:06pm

बहुत ही खूबसूरत गज़ल के लिए बधाई।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on July 1, 2017 at 11:22pm
जनाब आशुतोष साहिब , ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई, ईद की मुबारकबाद का बहुत बहुत शुक्रिया
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on July 1, 2017 at 11:19pm
जनाब ब्रजेश कुमार साहिब, ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया
Comment by Dr Ashutosh Mishra on July 1, 2017 at 4:13pm

आदरणीय तस्दीक जी इस शानदार रचना पर हार्दिक बधाई और ईद की भी ढेर सारी शुभकामनाएं आपको सादर 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on July 1, 2017 at 12:09pm
वाह वाह आदरणीय बहुत ही उम्दा सन्देश प्रसारित करती हुई ग़ज़ल..सादर
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on June 28, 2017 at 10:44pm
मुहतरम जनाब समर कबीर साहिब आदाब, ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया, मेरी तरफ से आपको ईद बहुत बहुत मुबारकबाद ।
Comment by Samar kabeer on June 28, 2017 at 3:17pm
जनाब तस्दीक़ अहमद साहिब आदाब,उम्दा ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ,साथ ही ईद की मुबारकबाद भी क़बूल करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
23 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"तू ही वो वज़ह है (लघुकथा): "हैलो, अस्सलामुअलैकुम। ई़द मुबारक़। कैसी रही ई़द?" बड़े ने…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन मार्मिक लघुकथा से करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह…"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आपका हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी।"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Monday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"ध्वनि लोग उसे  पूजते।चढ़ावे लाते।वह बस आशीष देता।चढ़ावे स्पर्श कर  इशारे करता।जींस,असबाब…"
Sunday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"स्वागतम"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमित जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service