Comment
आदरणीय रवि शुक्ल सर, खूबसूरत अशआर हुए हैं. हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए।
सादर।
प्रिय Ravi Shukla,
वाह वाह ! शानदार ग़ज़ल के लिए दिल से निकली बधाई स्वीकार करें |
बहुत ही खूबसूरत गज़ल के लिए हार्दिक बधाई।
आदरणीय रवि शुक्ला जी बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है दाद के साथ मुबारकबाद. पुराने लहजे की मुआमला बंदी का एक शेर बहुत अच्छा बन पड़ा है :
आँचल सरक के दोश से पहलू में क्या गिरा,
बैठे भी वो नहीं थे लजा कर चले गए।
मेरे ख्याल से मोमिन के शेर में गोया का अर्थ 'जैसे' ही ज्यादा उपयुक्त है. यूं बात करने का अर्थ भी मुमकिन है.
सादर
आदरणीय रवि भाई , बहुत अच्छी कही है आपने गज़ल , सभी अशआर अच्छे हुये हैं , मुबारक बाद स्वीकार करें ।
पुरसान-ए-हाल के लिये यूँ आये मेरे पास
गोया कि एक रस्म निभा कर चले गए
आये वो दर्द बाँटने लेकिन हक़ीक़तन,
शिद्दत गमों की और बढ़ा कर चले गए। -- दोनो एक बात कहते लगते हैं .. अलग अलग अंदाज ज़रूर् है ... सही लगे तो एक ही रखिये ।
इस जानकारी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय रवि शुक्ला जी ,,,गोया शब्द मैंने कई अशआर में पढ़ा था,,लेकिन इस के बारे में जानता नहीं था,, आप ने बात स्पष्ट कर दी,,, शुक्रिया
आदरणीय गुरप्रीत जी हौसला आफजाई का श्ुा्क्रिया पुरसान ए हाल हाल चाल पूछना और सुकूते शब सूकूत का अर्थ है शान्ति नीरवता और शब तो रात है ही सुकूते शब रात्रि की नीरवता
गोया दो तरह से प्रयुक्त होता है एक तो गोया मतलब जैसे ( गोया कि आप हमे जानते नहीं )
दूसरा गोया बात करना इस पर मोमिन साहब का शेर बहुत प्रसिद्ध है जिस पर गालिब साहब ने कहा था कि ये शेर मेरे नाम कर दें आप और मेरा सारा दीवान लें ले
तुम मेरे पास होत हो गोया
जब कोई दूसरा नहीं होता यहां गोया का अर्थ बात करने से है
इसी पर एक शेर हमने पहले कहा था गजल मंच पर पोस्ट नही हुई है शेर देंखें कि
खामोशियों में फ़र्क न आया कभी जनाब,
गोयाई तो बदल गई हालात देखकर। इस शेर से गोया का मआनी और भी स्पष्ट हो गया होगा । सादर
आदरणनीय बृजेश जी आपकी हौसला अफजाई का बहुत बहुत श्ुाक्रिया
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online