2122 1212 22/112
अब यहाँ पर विगत हुआ जाये
या, जहाँ से विरत हुआ जाये
खूब दीवार बन जिये यारो
चन्द लम्हे तो छत हुआ जाये
कोई खोले तो बस खला पाये
प्याज़ की सी परत हुआ जाये
ताब रख कर भी सर उठाने की
क्यों भला दंड वत हुआ जाये
आग, पानी , हवा की ले फित्रत
हैं जहाँ, जाँ सिफत हुआ जाये
खूबी ए आइना बचाने को
क्यूँ न पत्थर फ़कत हुआ जाये
******************************
मौलिक एवँ अप्रकाशित
Comment
आदरणीय गिरिराज भाईजी अच्छी ग़ज़ल कही आपने मुबारक बाद पेश है । एक शंका हमें भी है छत स्त्रीलिंग है ऐसे में वाक्य देखे तो छत छुई जाए या छत को छुआ जाए होना चाहिए । अगर ये सही है तो मिसरा काम नहीं करेगा । बताइयेगा ।सादर
बहुत बढ़िया ग़ज़ल नये प्रयोग, अच्छा लगा , ज्ञान भी प्राप्त हुआ.
आदरणीय सुरेन्द्र भाई , हौसला अफज़ाई का बेहद शुक्रिया । आदरनीय मै केवल उन चीज़ों को स्वीकार कर लेने के पक्ष मे हूँ , जिन शब्दों के दोनो रूप स्वीकार किये गये हैं । लेकिन मंच अगर एक नियम बना दे तो मेरी कोई ज़िद नही है , कुछ लोग उदाहरण दे दे कर किसी भी बात को सही कहें और मंच चुप रहे तो यही होगा न ।
आदरणीय आरिफ भाई , सराहना के ल्लिये आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।
आदरणीय सतविन्द्र भाई , उत्साह वर्धन के लिये आपका हार्दिक आभार ।
आदरणीय समर भाई , सही कहा आपने , अनुस्वार हटाना ज़रूरी है , मै आवश्यक सुधार कर लूंगा , आभार आपका।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online