For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जश्न मिल जुल कर मनाओ यौमे आज़ादी है आज - ग़ज़ल

आग नफरत की बुझाओ यौमे आज़ादी है आज
दिल से दिल अपने मिलाओ यौमे आज़ादी है आज

मंदिरों मस्जिद के झगड़े छोड़ कर ऐ दोस्तों
बात कुछ आगे बढ़ाओ यौमे आज़ादी है आज

जो हक़ीक़त थी वो सब इतिहास बन कर रह गई
याद शोहदा की दिलाओ यौमे आज़ादी है आज

जान जब क़ुर्बान करते हो वतन के वास्ते
तो तिरंगा भी उठाओ यौमे आज़ादी है आज

हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई के झगड़े भूल कर
"जश्न मिल जुल कर मनाओ यौमे आज़ादी है आज"

हमने छत दीवारो दर अपने सजायें हैं सभी
तुम भी घर अपने सजाओ यौमे आज़ादी है आज

ये भी आज़ादी है या सहरा का मंज़र दोस्तों
मुल्क को गुलशन बनाओ यौमे आज़ादी है आज

देश की ख़ातिर रहो सीना सिपर 'रिज़वान' तुम
खौफ दुश्मन से न खाओ यौमे आज़ादी है आज

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 716

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by MOHD. RIZWAN (रिज़वान खैराबादी) on September 21, 2017 at 11:18pm
आप सभी हज़रात तहे दिल से शुक्रिया
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 17, 2017 at 11:20am
बहुत खूब.....हार्दिक बधाई, रिजवान भाई।
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on August 16, 2017 at 12:51pm
बड़ी अच्छी देशभक्ति से परिपूर्ण ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय..
Comment by Mohammed Arif on August 15, 2017 at 8:06pm
आदरणीय मोहम्मद रिज़वान जी आदाब, जश्ने आज़ादी के मौके पर बहुत ही बढ़िया ग़ज़ल ।मुबारकबाद क़ुबूल करें । आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब की बातों का संज्ञान लें ।
Comment by Samar kabeer on August 14, 2017 at 10:24pm
जनाब रिज़वान साहिब आदाब,यौम-ए-आज़ादी पर उम्दा ग़ज़ल कही आपने,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।

'हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई के झगड़े भूल कर'
इस मिसरे में लय बाधित हो रही है,इसे यूँ कर सकते हैं :-
"हिन्दू,मुस्लिम,सिख्ख,ईसाई के झगड़े भूल कर"
Comment by बसंत कुमार शर्मा on August 14, 2017 at 5:18pm

बहुत बढ़िया ग़ज़ल आदरणीय MOHD.RIZWAN जी 

Comment by MOHD. RIZWAN (रिज़वान खैराबादी) on August 14, 2017 at 3:26pm
आ० रवि शुक्ला जी हौसला अफज़ाई का आपका तहे दिल से शुक्रिय!
Comment by Ravi Shukla on August 14, 2017 at 2:59pm

आदरणीय रिजवान जी बहुत अच्‍छी और प्रासंगिक गजल कही आपने इस सुंदर गजल के लिये बधाई पेश है ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आपकी ग़ज़ल में रदीफ़, काफ़िया और बह्र की दृष्टि से प्रयास सधा हुआ है। इसे प्रशंसनीय अभ्यास माना जा…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"सादर , अभिवादन आदरणीय।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"नफ़रतों की आँधियों में प्यार भी करते रहे।शांति का हर ओर से आधार भी करते रहे।१। *दुश्मनों के काल को…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"जय-जय"
5 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"स्वागतम"
5 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Saurabh Pandey's blog post गजल - जा तुझे इश्क हो // -- सौरभ
"आ. सौरभ सर श्राप है या दुआ जा तुझे इश्क़ हो मुझ को तो हो गया जा तुझे इश्क़ हो..इस ग़ज़ल के…"
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. नाथ जी "
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. विजय जी "
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. अजय जी "
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. समर सर. पता नहीं मैं इस ग़ज़ल पर आई टिप्पणियाँ पढ़ ही नहीं पाया "
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. रचना जी "
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service