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शॉर्ट एण्ड स्वीट - लघुकथा / शेख़ शहज़ाद उस्मानी

'गणेश चतुर्थी' के एक दिन पूर्व विद्यालय में प्रार्थना-सभा में, अपनी बारी आने पर, शिक्षक ने बड़े जोश में भाषण दे डाला। श्रीगणेश जी के गजानन रूप धारण से लेकर उनसे जुड़ी मान्यताएं बताकर वे उनके शरीर के भागों से जुड़ी शिक्षाप्रद मान्यताएं भी सुना ही रहे थे कि एक वरिष्ठ शिक्षक ने इशारा करते हुए भाषण रुकवा दिया। बहुत ही शांति के साथ भाषण सुनने के बाद उस अंग्रेज़ी माध्यम विद्यालय के छात्रों ने तो ज़ोरदार तालियां बजायीं, लेकिन शिक्षकों ने नहीं। भाषण देने वाले शिक्षक को कुछ अजीब सा लगा।

कक्षा में पहुंचने पर बच्चों के विशेष अनुरोध पर वे गणेश जी व गणेश चतुर्थी के महत्व के बारे में जानकारी दे ही रहे थे कि एक छात्रा ने रंगीन चॉकें देते हुए कहा - "सर, ब्लैक-बोर्ड पर 'हैप्पी गणेश चतुर्थी' लिख दीजिए।"

"गणेश जी भी बना देना सर!" एक छात्र ने तेज़ आवाज़ में कहा।

बड़े ही सुंदर तरीक़े से ऐसा ही किया गया। सभी छात्रों ने ज़ोरदार तालियां बजायीं। शिक्षक महोदय के स्टाफ-रूम में पहुंचने पर पीछे से एक अन्य वरिष्ठ शिक्षक शर्मा जी ने कहा -" ख़ान साहब, भाषण तो बड़ा अच्छा देते हो, पर ज़रा समय का भी ध्यान रखा करो, हिन्दी के शब्दों से परहेज़ करो!"

"क्यों? क्या हुआ?"

"हुआ कुछ नहीं सर जी! पर इतना तो हमारे प्रिंसिपल सर भी नहीं बोलते! शोर्ट एंड स्वीट का ज़माना है! सुना है कि कक्षा में भी आपने समय बरबाद कर दिया! ख़ान साहब, पहले कोर्स पूरा करवाओ शोर्ट कट से!"

टाइट जीन्स और टी-शर्ट पहने उन शिक्षक महोदय पर एक नज़र डालकर वे दूसरी कक्षा की ओर चल दिए।

(मौलिक व अप्रकाशित)
[२५-८-२०१७/गणेश चतुर्थी]

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Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on August 27, 2017 at 4:51pm

शोर्ट कट ! अच्छा तंज हुआ है आदरणीय शहजाद भाई | हार्दिक बधाई |

Comment by Samar kabeer on August 27, 2017 at 2:26pm
जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,बहुत ख़ूब वाह, अच्छी लगी आपकी लघुकथा,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on August 27, 2017 at 8:46am
इस रचना पर भी विस्तृत टिप्पणी द्वारा अनुमोदन व हौसला अफज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहब।
Comment by Mohammed Arif on August 27, 2017 at 7:34am
आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी आदाब, सामयिक प्रसंग , गहरी व्यंजना सटीक और विषयानुकूल संवादों का प्रवर्तन , कथानक में ताज़गी । आजकल समयाभाव के कारण सभी शॉर्ट कट में लगे हैं । हार्दिक बधाई स्वीकार करें

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