For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")


(1) राष्ट्रीय पर्व पर
मिला किसी को
पद्म भूषण , पद्म विभूषण
तो किसी को मिला पद्म श्री
लेकिन जो थे सच्चे हक़दार
नहीं मिला उन्हें यह सम्मान
क्योंकि उनकी नहीं थी कोई
राजनैतिक पहचान । 

 
(2) जिन बच्चों को माँ-बाप ने
चलना -फिरना , उठना-बैठना
आदि का सलीका सिखाया
उन्हीं बच्चों ने बड़ा होकर
बुढ़ापे में वृद्धाश्रम पहुँचाया ।

 

(3) दुर्घटना और बीमारियाँ
बहुत सस्ती हो गईं हैं
इसीलिए तो-
बीमा किश्त महँगी हो गई है ।

 

 

मौलिक एवं अप्रकाशित ।

Views: 689

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 18, 2018 at 2:04pm

आदरणीय आरिफ़ जी, आपकी क्षणिकाएँ सदा पठनीय हुआ करती हैं. 

प्रस्तुति के लिए धन्यवाद और शुभकामनाएँ 

प्रस्तुत क्षणिकाएँ तनिक और कसावट चाहती हैं. बिम्बात्मकता पर भी काम किया जा सकता था. 

शुभ-शुभ

Comment by Mohammed Arif on January 18, 2018 at 11:44am

बहुत-बहुत आभार आदरणीय विजय निकोर जी । लेखन सार्थक हो गया ।

Comment by vijay nikore on January 18, 2018 at 8:32am

इन क्षणिकाओं का आनन्द और ही है। वाह ! बधाई भाई मोहम्मद आरिफ़ जी।

Comment by Mohammed Arif on January 16, 2018 at 11:43am

बहुत-बहुत आभार आदरणीय सलीम रज़ा साहब ।

Comment by Mohammed Arif on January 16, 2018 at 11:42am

बहुत-बहुत आभार आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब । आपकी टिप्पणी से लेखन सार्थक हो गया ।

Comment by SALIM RAZA REWA on January 15, 2018 at 5:25pm
अति सुंदर मुबारक़बाद क़ुबूल करें.
Comment by Samar kabeer on January 15, 2018 at 3:10pm

जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,बहतरीन क्षणिकाएं लिखीं आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Mohammed Arif on January 15, 2018 at 11:24am

बहुत-बहुत आभार आदरणीय महेंद्र कुमार जी ।

Comment by Mahendra Kumar on January 15, 2018 at 10:19am

बेहतरीन कटाक्षिकाओं के लिए हार्दिक बधाई आ. मोहम्मद आरिफ़. जी. बहुत ख़ूब. सादर.

Comment by Mohammed Arif on January 15, 2018 at 7:56am

रचना पर अपनी निरपेक्ष प्रतिक्रिया देकर लेखन को सार्थक बनाने का बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय सुरेंद्रनाथ जी ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
yesterday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Monday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service