For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दोहे--नव वर्षाभिनंदन

ख़ुशियों से हो ये भरा,नया हमारा साल ।
मेल जोल सबसे बढ़े, बदले सबकी चाल ।।

घर आँगन में हो ख़ुशी,चले हास-परिहास ।
पीड़ाओं की आँधियाँ, फटकें कभी न पास ।।

साल नया ख़ुश हाल हो,सब हों माला माल ।
जीवन में दुख का कभी,आये नहीं सवाल ।।

नये साल में हम करें,कोई अच्छा काम ।
युग -युग तक जपते रहें,लोग हमारा नाम ।।

माँगूँ रब से ये दुआ,रहें सभी आबाद ।
बीते दिन कोई यहाँ, करे न'आरिफ़' याद ।।

मौलिक एवं अप्रकाशित ।।

Views: 879

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mohammed Arif on January 4, 2018 at 8:50am

बहुत-बहुत आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी । लेखन सार्थक हो गया ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 4, 2018 at 8:18am

आ. भाई आरिफ जी, नववर्ष पर बेहतरीन भावपूर्ण दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।

Comment by Mohammed Arif on January 3, 2018 at 11:21pm

बहुत-बहुत आभार आदरणीय बृजेश कुमार जी ।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on January 3, 2018 at 10:45pm

उत्तम दोहे प्रस्तुति आदरणीय..सादर

Comment by Mohammed Arif on January 2, 2018 at 11:03pm

बहुत-बहुत शुक्रिया जनाब सलीम रज़ा साहब । यह सब आपकी दुआआओं का नतीजा है ।

Comment by SALIM RAZA REWA on January 2, 2018 at 9:13pm
वाह आरिफ साहिब वाह... क्या खूब दोहे हुए हैं...मुबारकबाद. आप तो हर विधा के क़लमकार हैं ..
Comment by Mohammed Arif on January 2, 2018 at 8:20pm

बहुत-बहुत शुक्रिया आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब ।आपकी टिप्पणी से लेखन सार्थक हो गया ।

Comment by Samar kabeer on January 2, 2018 at 5:42pm

जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,नव वर्ष के स्वागत में बहुत उम्दा दोहे लिखे आपने,इस प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Mohammed Arif on January 2, 2018 at 2:02pm

बहुत-बहुत शुक्रिया जनाब अफरोज़ सहर साहब ।नया साल मुबारक हो ।

Comment by Mohammed Arif on January 2, 2018 at 2:01pm

बहुत-बहुत आभार आदरणीय पंकज कुमार मिश्रा जी । नववर्ष मंगलमय हो ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
10 hours ago
ajay sharma shared a profile on Facebook
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Monday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Sunday
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रेत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service