1222 1222 1222 1222
गुलाबों से किताबों तक समाईं धूल की परतें
जरा देखो तो अब माथे पे आईं धूल की परतें!!
ये किस आगोश ने सारे शहर को घेर के रक्खा
घना है कोहरा या फिर हैं छाईं धूल की परतें?
गया इक वक़्त वो आया न तो सन्देश ही आया
हमीं ने रिश्ते नातों पर चढ़ाईं धूल की परतें
गिला इस बात का उनसे करें भी तो करें कैसे
गमे दिल ने मेरे लब पर सजाईं धूल की परतें
बड़े ही फख्र से छोड़ी थीं अपने गाँव की गलियां
मगर 'ब्रज' को यही गम है कमाईं धूल की परतें
(मौलिक एवं अप्रकाशित)
बृजेश कुमार 'ब्रज'
Comment
आदरणीय तस्दीक़ जी जहाँ तक मेरी जानकारी है तो बैज्ञानिक दृष्टि से कुहरा और कोहरा दोनों ही सही शब्द हैं।कुहरा धरती की निचली सतह पे जलवाष्प,धूल,धुंए का मिश्रण होता है जबकि कोहरा धूल और धुएं से मुक्त होता है।
आदरणीय मोहित जी आपका स्वागत है..
आदरणीय शर्मा जी आपका हार्दिक आभार..सादर
आदर्णीय बृजेश कुमार जी शानदार ग़ज़ल कहने के लिये बधाई।
जनाब ब्रजेश कुमार साहिब , सही शब्द कुहरा (22) है ।
वाह लाजबाब गजल
आदरणीय सतविंद्र जी हौसलाफजाई के लिए शुक्रिया..
आदरणीय तस्दीक़ जी आपकी सार्थक समीक्षा के लिए शुक्रगुज़ार हूँ..आपके सुझाव बहुत ही खूबसूरत हूँ...लेकिन दूसरे शेर का सानी में शायद कोहरा सही शब्द नहीं या जो मात्राभार मैं 212 ले रहा हूँ वो सही नहीं है? 'मगरूरियत' शब्द के लिए मैं भी असमंजस में था लेकिन नेट पर कुछ एक जगह देखा तो प्रयोग कर लिया खैर आप कह रहे हैं तो ये शब्द नहीं होगा।बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय।
आदरणीय शुक्ला जी रचना पटल पे आपका हार्दिक अभिनन्दन एवं आभार...सादर
आदरणीय सलीम साहब आपका हार्दिक धन्यवाद..सादर
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online