For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मेरा दर्द पता रहता है

22 22 22 22

मुद्दत से उलझा रहता है ।

यह मन कब तन्हा रहता है ।।

मिलता है अक्सर जो हंसकर ।

वो गम को पीता रहता है ।।

जो गुलाब भेजा था तुमने ।

वो दिल मे खिलता रहता है ।।

कब आओगे मेरे घर तुम ।

खत में वो लिखता रहता है ।।

मुझसे मेरा हाल न पूछो ।

दिल मेरा रोता रहता है ।।

कुछ तो जलता है तेरे घर ।

रोज़ धुंआ उठता रहता है ।।

शायद उसको इश्क हुआ है ।

मुझसे वो मिलता रहता है ।।

जख्म मिले हैं मुझको उनसे।

जिनसे ज़ख़्म छुपा रहता है ।।

आंख चुराने वालों को ही ।

मेरा दर्द पता रहता है ।।

प्रेम दिवस पर भूल न जाना।

मेरा मन घुटता रहता है ।।

एक जमाने से वो मुझको।

चुपके से पढ़ता रहता है ।।

देख मुसाफ़िर सँभल के चलना ।

प्यार सदा अंधा रहता है ।।

परवानों के मरघट खातिर ।

एक दिया जलता रहता है ।।

नवीन मणि त्रिपाठी मौलिक अप्रकाशित

Views: 472

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Naveen Mani Tripathi on February 13, 2018 at 11:28am

आ0 मो0 आरिफ साहब आभार 

Comment by Naveen Mani Tripathi on February 13, 2018 at 11:27am

आ0 लक्ष्मण धामी साहब शुक्रिया ।

Comment by Naveen Mani Tripathi on February 13, 2018 at 11:27am

आ0 तस्दीक अहमद खान साहब शुक्रिया ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 13, 2018 at 11:13am

आ. भाई नवीन जी , सुंदर गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on February 11, 2018 at 5:02pm

जनाब नवीन साहिब ,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है ,मुबारकबाद क़ुबूल फरमायें। शेर7 ऐब-तकाबुले रदीफैंन हो गया , यूँ करसकते हैं "इश्क़ हुआ है शायद उसको "

आखरी शेर में बात साफ नहीं हो सकी , "यूँ करके देखिए "मर घट पर भी ए परवानों "

Comment by Mohammed Arif on February 11, 2018 at 7:58am

आदरणीय नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,

                       छोटी बह्र में उम्दा ग़ज़ल । दिली मुबारकबाद क़ुबूल करें । बाक़ी गुणीजन  अपनी राय देंगे ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने मुबारकबाद पेश करता…"
6 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आ० अमित जी…"
19 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और सुख़न नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"सम्माननीय ऋचा जी सादर नमस्कार। ग़ज़ल तकआने व हौसला बढ़ाने हेतु शुक्रियः।"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"//मशाल शब्द के प्रयोग को लेकर आश्वस्त नहीं हूँ। इसे आपने 121 के वज्न में बांधा है। जहाँ तक मैं…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई है हर शेर क़ाबिले तारीफ़ है गिरह ख़ूब हुई सादर"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. भाई महेन्द्र जी, अभिवादन। गजल का प्रयास अच्छा हुआ है। हार्दिक बधाई। गुणीजनो की सलाह से यह और…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, बेह्तरीन ग़ज़ल से आग़ाज़ किया है, सादर बधाई आपको आखिरी शे'र में…"
7 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीया ऋचा जी बहुत धन्यवाद"
8 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी, आपकी बहुमूल्य राय का स्वागत है। 5 में प्रकाश की नहीं बल्कि उष्मा की बात है। दोनों…"
8 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service