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सादर आभार आदरणीय बृजेश कुमार जी
वाह आदरणीय क्या शानदार रचना है..
धन्यवाद भाई सुरेन्द्र नाथ जी
आद0 रामबली जी सादर अभिवादन। बहुत बेहतरीन गीत। पढ़कर मजा आ गया। बधाई इसस प्रस्तुति पर
आदरणीय आरिफ़ जी प्रयास पर प्रोत्साहन और सराहना के लिए ह्रदय से धन्यवाद। वैसे किसी विशेष छंद का आधार तो नही लिया गया है। आप चाहें तो प्रत्येक लाइन को 16 मात्राओं में रख सकते हैं।सादर
आदरणीय राम बली गुप्ता जी आदाब,
रचना पढ़कर मज़ा आ गया । बहुत बेहतरीन ध्वन्यत्मकता । रीतिकाल की रचनाओं की याद आ गई । आपने इसका छांदसिक विधान नहीं लिखा ?
हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।
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