For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

22  22  22  22           
अपना घाव छुपा के रखना
मन को भी समझा के रखना।1

ऊपर ऊपर जैसा भी हो
अंदर आग जला के रखना।2

और उजाला करना होगा
थोड़ा तेल बचा के रखना।3             
तीर चलेंगे जाने कितने
देखो ढ़ाल बढ़ा के रखना।4

कौन सुनेगा बातें  ढ़ब की
बाण-धनुष चमका के रखना।5

मंजिल कोई दूर नहीं है
ख्वाहिश को उमगा के रखना।6

रात अँधेरी,चंदा संगी,
रुनझुन बीन बजा के रखना।7

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 590

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Manan Kumar singh on May 3, 2018 at 8:30pm

बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय तेजवीर सिंह जी।

Comment by Manan Kumar singh on May 3, 2018 at 8:29pm

शुक्रिया जनाब आरिफ जी।

Comment by Manan Kumar singh on May 3, 2018 at 8:22pm

शुक्रिया आदरणीया नीलम जी।

Comment by Manan Kumar singh on May 3, 2018 at 8:22pm

आभारी हूँ जनाब समर जी,आदाब।

Comment by TEJ VEER SINGH on April 23, 2018 at 2:27pm

हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार जी।बेहतरीन गज़ल।

ऊपर ऊपर जैसा भी हो
अंदर आग जला के रखना।2

Comment by Mohammed Arif on April 23, 2018 at 1:47pm

आदरणीय मनन कुमार जी आदाब,

                               कठिन बह्र में बेहतरी ग़ज़ल । दिली मुबारकबाद क़ुबूल करें । आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब की इस्लाह का संज्ञान लें ।

Comment by Neelam Upadhyaya on April 23, 2018 at 11:05am

आदरणीय मनन कुमार जी ।  खूबसूरत रचना की प्रस्तुति के लिए  बधाई स्वीकार करें। 

Comment by Samar kabeer on April 22, 2018 at 9:58am

जनाब मनन कुमार सिंह जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है, बधाई स्वीकार करें ।

तीसरे शैर में तक़ाबुल-ए-रदीफ़ देखें ।

'कौन सुनता बातें ढब की'

ये मिसरा बह्र में नहीं है,यूँ कर सकते हैं:-

'कौन सुनेगा बातें ढब की'

Comment by Manan Kumar singh on April 22, 2018 at 9:19am

बहुत बहुत शुक्रिया,नमन।

Comment by Harash Mahajan on April 22, 2018 at 9:14am

आदरणीय मनन जी आदाब ।

अति सुंदर पेशकश । बधाई ।

सादर !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
19 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
20 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
21 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service