For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

करनी है जब मन की साहब
क्यों पूछे हो हमरी साहब ।

पानी भरने मैं निकला हूँ
ले हाथों में चलनी साहब ।

पढ़े फ़ारसी तले पकौड़े
किस्मत अपनी अपनी साहब ।*

आटा से डाटा है सस्ता
सब माया है उनकी साहब ।*

शौचालय का मतलब तब ही
जन जब खाए रोटी साहब ।

नही सुरक्षित घर में बेटी
धरम-करम बेमानी साहब ।

सच्ची सच्ची बात जो बोले
आज वही है 'बाग़ी' साहब ।

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

*संशोधित

Views: 1182

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अजय गुप्ता 'अजेय on July 6, 2018 at 11:34am

मक़्ता कमाल। तखल्लुस ने अपने वास्तविक अर्थ में आकर कईं गुणा प्रभाव दे दिया।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 22, 2018 at 6:25pm

वाह्ह्ह्ह वाह्ह्ह्ह कमाल के तंज और एक बेहतरीन ग़ज़ल साहब 

पिछले दिनों ज्यादा मसरूफ़ियत की वजह से पोस्ट पर आना नहीं हो सका माफ़ कीजिये 

पूरी चर्चा पढ़ी तो सब समझ आया अरकान वाली बात मैंने भी दोहरा दी .

खैर इस ग़ज़ल के सभी शेर खंजर की तरह हैं 

ढेरो  दाद हाजिर हैं आद० गणेश जी विशेष कर  मक्ते पर सबसे अधिक 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 22, 2018 at 3:43pm

सराहना हेतु आभार आदरणीय लक्ष्मण भाई ।


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 22, 2018 at 3:42pm

जनाब मोहम्मद आरिफ साहब, सराहना हेतु दिल से आभार ।


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 22, 2018 at 3:41pm

ग़ज़ल पर आपकी उत्साहवर्धन करती टिप्पणी हेतु हृदय तल से आभार आदरणीय नीलेश भाई ।


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 22, 2018 at 3:39pm

सराहना हेतु दिल से आभार मोहतरम शेख़ सहजाद उस्मानी साहब ।


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 22, 2018 at 3:37pm

सराहना एवं उत्साहवर्धन हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीय हर्ष महाजन साहब ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on May 1, 2018 at 4:50pm

आ. भाई गणेष जी, बेहतरीन समसामयिक गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by Mohammed Arif on May 1, 2018 at 7:48am

आदरणीय गणेश 'बाग़ी' जी आदाब,

                               सामयिकता का पुट लिए बेहतरीन ग़ज़ल । शे'र दर शे'र दाद के साथ दिली मुबारकबाद क़ुबूल करें । बाक़ी गुणीजनों की बातों का संज्ञान लें ।

Comment by Samar kabeer on April 30, 2018 at 5:51pm

जी,बिल्कुल ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Friday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service