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मजदूर के दोहे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर


करे सुबह से शाम तक, काम भले भरपूर।
निर्धन का निर्धन रहा, लेकिन हर मजदूर।१।


कहने को सरकार ने, बदले बहुत विधान।
शोषण से मजदूर का, मुक्त कहाँ जहान।२।


हरदम उसकी कामना, मालिक को आराम।
सुनकर  अच्छे  बोल दो, करता  दूना काम।३।


वंचित अब भी खूब है, शिक्षा से मजदूर।
तभी झेलता रोज ही, शोषण हो मजबूर।४।


आँधी  वर्षा या  रहे, सिर  पर  तपती धूप।
प्यास बुझाने के लिए, खोदे हर दिन कूप।५।


पी लेता दो घूँट मय, तन जब थककर चूर।
दवा  सरीखी सोचता, उसको  ही  मजदूर।६।


काम करे नित  खेत में, फिर  भी भूखा पेट।
कोशिश तो उसकी रही, किस्मत को दे मेट।७।


महल  रचे  नित  खूब  वो, और  रचे  दरवार।
बेघर फिर भी खुद रहे, जीवन भर क्यों यार।८।


मौलिक/अप्रकाशित

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Comment by Naveen Mani Tripathi on May 6, 2018 at 4:34pm

आ0  लक्ष्मण धामी जी बहुत सुंदर प्रस्तुति । लाजवाब दोहे ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on May 5, 2018 at 7:09am

आ. भाई विजय जी, सादर अभिवादन । उपस्थिति से दोहों का मान बढ़ाने के लिए आभार।

Comment by vijay nikore on May 5, 2018 at 6:21am

बहुत ही सुन्दर दोहे। हार्दिक बधाई, आदरणीय लक्ष्मण जी

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on May 3, 2018 at 7:03pm

आ. भाई आशुतोष जी, दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद ।

Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 3, 2018 at 5:58pm

आदरणीय लक्ष्मण ही मजदूरो के यथार्थ का चित्रण बखूबी किया है आपने इस रचना के लिए हरदुक बधाई स्वीकार करें सादर

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on May 3, 2018 at 1:20pm

आ. भाई नीलेश जी, इस स्नेह के लिए आभार ।

Comment by Nilesh Shevgaonkar on May 3, 2018 at 10:52am

आ. लक्ष्मण जी.
अच्छे   दोहे हुए   हैं ...इस प्रस्तुति के लिए आपको बधाई 
सादर 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on May 3, 2018 at 7:05am

आ. भाई आरिफ जी, उत्साहवर्धन के लिए आभार। त्रुटियों का संज्ञान ले लिया है सादर।

Comment by Mohammed Arif on May 2, 2018 at 6:44pm

आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आदाब,

                                मज़दूर दिवस पर मज़दूरों की व्यथा को रेखांकित करते बहुत ही बढ़िया दोहे । हार्दिक बधाई स्वीकार करें । गुणीजनों की बातों का संज्ञान लें ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on May 2, 2018 at 2:52pm

आ. भाई समर जी, चौथे में आपका सझाव ही उत्तम है । सादर

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