For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नए वर्ष की भोर ....

नए वर्ष की भोर  ....

क्षण
दिन, महीने
सब को बांधे
चल दिया
पुराना वर्ष
तम के गहन सागर को पार कर
दूर क्षितिज पर
नव वर्ष के गर्भ से
अंकुरित होते
सूरज की अगवानी करने


अच्छा बीता
बुरा बीता
जैसा भी बीता बीत गया
एक स्वप्न
स्वप्न रहा
एक यथार्थ जीत गया
नए वर्ष की भोर हुई
वर्ष पुराना बीत गया

जीती ख़ुशी
या दर्द जीता
जो भी जीता जीत गया
दर्द पुराना रीत गया
नए वर्ष की भोर हुई
वर्ष पुराना बीत गया

तपते आँसू
घायल खुशियाँ
क्या -क्या बाँधे गठरी में
चुप -चाप अँधेरे में देखो
कल बन के
युग बीत गया
नए वर्ष की भोर हुई
वर्ष पुराना बीत गया

दंश समय के
हृदय भाल पर
बन दर्पण के
बिम्ब बने
कंचन काया पर जाने कब
लिख कर कोई गीत गया
नए वर्ष की भोर हुई
वर्ष पुराना बीत गया

कल तो तम में
लीन हुआ
भानु तम से
जीत गया
विगत पलों कुछ सीखें
कुछ

लक्ष्य नए साकार करें
आओ
नए वर्ष के
प्रथम पृष्ठ पर
जीवन का
लिखें गीत नया
नए वर्ष की भोर हुई
वर्ष पुराना बीत गया

सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 471

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mahendra Kumar on January 7, 2019 at 8:09pm

//अच्छा बीता 
बुरा बीता 
जैसा भी बीता बीत गया 
एक स्वप्न 
स्वप्न रहा 
एक यथार्थ जीत गया 
नए वर्ष की भोर हुई 
वर्ष पुराना बीत गया//  ...बहुत ख़ूब!

नये वर्ष पर उम्दा कविता लिखी है आपने आदरणीय सुशील सरना जी. मेरी तरफ़ से भी हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए.

//विगत पलों से कुछ सीखें// देख लीजिएगा. 

सादर.

Comment by नाथ सोनांचली on January 7, 2019 at 9:24am

आद0 सुशील सरना जी सादर अभिवादन। नए वर्ष की भोर एक लुभावना शीर्षक से आरम्भ कर बहुत बेहतरीन रचना की आपने। बधाई स्वीकार कीजिये।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on January 6, 2019 at 6:13pm

जनाब भाई सुशील सरना साहिब , नए और पुराने साल की यादों का संगम कराती सुंदर कविता हुई है , मुबारकबाद क़ुबुल फरमाएं l 

Comment by Sushil Sarna on January 6, 2019 at 1:49pm

आदरणीय समर कबीर साहिब, आदाब ... सृजन आपकी आत्मीय प्रशंसा का हार्दिक आभार।

Comment by Sushil Sarna on January 6, 2019 at 1:48pm

आदरणीय केवल प्रसाद 'सत्यम जी ... सृजन आपकी प्रशंसात्मक प्रतिक्रिया का हार्दिक आभार।

Comment by Samar kabeer on January 5, 2019 at 12:15pm

जनाब सुशील सरना जी आदाब,अच्छी कविता हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on January 4, 2019 at 10:47pm

आदरणीय   सुशील स्ररना भाई जी,

अतिशय सुंदर अभिव्यक्ति की हार्दिक बधाई. 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Friday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service