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आदरणीया कल्पना भट्ट जी, नमस्कार। बहुत ही अच्छी भावपूर्ण लघुकथा। प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें।
बेहद कठिन फैसला परंतु बेटी ने पिता की पीड़ा को समझा ।संवेदनशील कथा के लिये बधाई आद० कल्पना भट्ट जी ।
वाह,वाहहह,बहुत सुंदर व मार्मिक लघुकथा
बढ़िया भावो से ओतप्रोत लघुकथा है आदरणीया
बहना कल्पना भट्ट "रौनक़" जी आदाब,अच्छी लघुकथा लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
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बहुत बढ़िया। हार्दिक बधाई आदरणीया कल्पना भट्ट जी।
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