For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बेटा-बेटी  में  किया, जिसने   कोई  भेद।
उसने मानो कर लिया, स्वयं नाव में छेद।।
स्वयं नाव में छेद, भेद  की  खोदी  खाई।
बहिना से ही दूर, कर दिया उसका भाई।।
कोई  श्रेष्ठ न तुच्छ, लगें  दोनों  ही  प्रेटी।
ईश्वर  का   वरदान,  मानिये   बेटा-बेटी।।
(मौलिक व अप्रकाशित)
**हरिओम श्रीवास्तव**

Views: 481

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on March 17, 2019 at 5:04pm

आद0 हरिओम श्रीवास्तव जी सादर अभिवादन। बढिया विषय लेकर बेहतरीन कुण्डलिया लिखी आपने। बधाई स्वीकार कीजिये। अगर प्रेटी का कोई और विकल्प हो तो और बेहतर होंगा अन्यथा हिंदी का शब्द न होने से हिंदी शब्दकोश में लोग इसका अर्थ खोजते रह जाएंगे। सादर

Comment by Hariom Shrivastava on March 15, 2019 at 9:42am

आदरणीय सौरभ पाण्डे जी,आपकी उपस्थिति व समीक्षात्मक प्रतिक्रिया से प्रयास सफल जान पड़ा। मैं अँग्रेजी के शब्दों के प्रयोग से बचता ही हूँ आदरणीय, किंतु बेटी के तुक के सीमित विकल्प होने के कारण 'प्रेटी' शब्द प्रयुक्त करना पड़ा। उत्साहवर्धन हेतु आपका तहेदिल से शुक्रिया।।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 14, 2019 at 4:09pm

आदरणीय हरिओम श्रीवास्तव जी, आपकी कुण्डलिया गंभीर विषय पर सहज प्रवाह में सीख देती बढ़ती जाती है. प्रेटी का जैसा उपयोग आपने किया है वह चुटीला तो है ही बोलचाल की भाषा की स्वीकार्यता को बढ़ाता हुआ है. हालाँकि, अंघ्रेज़ी के शब्दों के प्रयोग को लेकर कई सदस्य असहज हो उठते हैं. बहरहाल, रचना की प्रवृति ही शब्दों के प्रयोग का ठोस मानक है. 

हार्दिक बधाइयाँ एवं अशेष शुभकामनाएँ 

Comment by Hariom Shrivastava on March 14, 2019 at 10:49am

आदरणीया नीलम उपाध्याय जी,उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु आपका  हार्दिक आभार।

Comment by Neelam Upadhyaya on March 14, 2019 at 10:39am

आदरणीय हरिओम श्रीवास्तव जी, नमस्कार। अच्छी कुण्डलिया छन्द की प्रस्तुति। बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Hariom Shrivastava on March 13, 2019 at 7:26pm

आदरणीय समर कबीर साहब आपकी उपस्थिति व हौसलाअफजाई हेतु हार्दिक आभार।

Comment by Samar kabeer on March 12, 2019 at 2:35pm

जनाब हरिओम श्रीवास्तव जी आदाब,अच्छा कुण्डलिया छन्द लिखा आपने,बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
yesterday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"रोला छंद . . . . हृदय न माने बात, कभी वो काम न करना ।सदा सत्य के साथ , राह  पर …"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service