For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ऐ हवा .............

कितनी बेशर्म है
इसे सब खबर है
किसी के अन्तःकक्ष में
यूँ बेधड़क चले आना
रात की शून्यता में
काँच की खिड़कियों को बजाना
पर्दों को बार बार हिलाना
कहाँ की मर्यादा है
कौमुदी क्या सोचती होगी
क्या इसे ज़रा भी लाज नहीं
इसका शोर
उसे मुझसे दूर ले जायगा
मेरा खयाल
मुझसे ही मिलने से शरमाएगा
तू तो बेशर्म है
मेरी अलकों से टकराएगी
मेरे कपोलों को
छू कर निकल जाएगी
मेरे वक्ष की ओढ़नी को उड़ाएगी
ऐसे में भला
मेरे खयाल से मेरा सानिध्य
कहाँ हो पाएगा
उसका हर स्पर्श
मेरी देह से तू ले जाएगी
मेरा हर पल
शून्यता की भेंट चढ़ जाएगा
मान जा
मेरी विनती स्वीकार कर ले
कुछ देर ठहर जा
मैं अपनी पलकों की दहलीज़ पर
काजल से शृंगार कर लूँ
वो इसी घरौंदे में तो आएगा
मुझसे बतियायेगा
मेरे स्वप्न को सुहागन कर जाएगा
मैं झूठ नहीं कहती
कल देखना
भोर की लाली भी
मेरे गालों की
लजीली लाली से शरमाएगी
तब
ऐ हवा
तुझे किसी तृषित की
तड़प समझ आएगी

सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 469

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on August 26, 2019 at 3:21pm

आदरणीय समर कबीर साहिब आदाब , सृजन के भावों को आत्मीय मान एवं सुझाव देने का दिल से आभार . सर पवन के बारे में मैं भूला कुछ नहीं पर पता नहीं भाव प्रवाह में ध्यान नहीं रहा . क्षमा चाहूंगा सर . मैंने संशोधित कर दिया आशा अब सृजन आपको निराश नहीं करेगा. सादर

Comment by Sushil Sarna on August 26, 2019 at 3:17pm

आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी सृजन के भावों को आत्मीय मान देने का दिल से आभार l पवन का संशय मैंने दूर कर दिया है , आशा है अब सृजन आपको ठीक लगेगा . सादर ...

Comment by Samar kabeer on August 25, 2019 at 3:47pm

जनाब सुशील सरना जी आदाब,प्रस्तुति अच्छी है,बधाई स्वीकार करें ।

एक बात पहले भी आपको आपकी किसी कविता के माध्यम से बता चुका हूँ कि "पवन" शब्द पुल्लिंग है ।

Comment by Pratibha Pandey on August 25, 2019 at 12:28am

सुन्दर रचना सर ,हवा(पवन) पर तो हम भी कुछ कहना चाहते है 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service