For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Pratibha Pandey
  • Female
  • faridabad
  • India
Share on Facebook MySpace

Pratibha Pandey's Friends

  • प्रदीप देवीशरण भट्ट
  • Samar kabeer
  • डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव
  • C.M.Upadhyay "Shoonya Akankshi"
  • लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
  • गिरिराज भंडारी
  • Sushil Sarna
  • Dayaram Methani
  • Saurabh Pandey
  • Er. Ganesh Jee "Bagi"

Pratibha Pandey's Groups

 

Pratibha Pandey's Page

Latest Activity

Dayaram Methani and Pratibha Pandey are now friends
Jul 18, 2022
C.M.Upadhyay "Shoonya Akankshi" commented on Pratibha Pandey's blog post काश हम हवा होते
"'काश हम हवा होते ' कोमल भावनाओं से परिपूर्ण अच्छी रचना | बधाई प्रतिभा पाण्डे जी | "
Nov 15, 2021
Pratibha Pandey posted a blog post

काश हम हवा होते

कुछ तो बात है इन हवाओं में जो तुम्हें छूकर आ रही हैं ,बताती हैं वो कशिश जो तुमसे मिलकर महसूस होती है,तुम्हारी तड़प और बेचैनी का भी हाल बयान करती हैं,अब तो ऐसा हाल है की कुछ जलन सी होने लगी है इन हवाओँ से ,अगर हम हवा होते तो बस कभी भी इन ज़ुल्फों को फहराकर छुप जाते ,इस चेहरे की चमक बन जाते ,इन आँखों की नमी बन कभी कभी छलक जाते ,इन होठों की मुस्कान बन खिल ही जाते,कानों के झुमकों को थोड़ा-सा हिलाकर ख़ूब ख़ुश हो जाते ,हाथों की चूड़ियों को आपस में टकरा देते और उस खनक का आनंद उठाते ,बस हम हवा होते तो हमेशा…See More
Aug 26, 2019
Pratibha Pandey commented on Sushil Sarna's blog post ऐ पवन ! ....
"सुन्दर रचना सर ,हवा(पवन) पर तो हम भी कुछ कहना चाहते है "
Aug 25, 2019
डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव left a comment for Pratibha Pandey
"आई० आपको मित्र के रूप में पाना मेरा सौभाग्य है  i आपकी लेखनी उर्वर बनी रहे i सादर i "
Aug 20, 2019
Pratibha Pandey replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 100 in the group चित्र से काव्य तक
"जी सर , आप की बात शिरोधार्य , बिना छंद और विधान लिखे बिना भी मेरी रचना को शामिल करने के लिए धन्यवाद्  कोशिश करुँगी की छंद का ज्ञान पा  सकूँ "
Aug 18, 2019
Pratibha Pandey replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 100 in the group चित्र से काव्य तक
"होसला अफजाही के लिए शुक्रिया सर , "
Aug 18, 2019
Pratibha Pandey replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 100 in the group चित्र से काव्य तक
" होसला देने के लिए धन्यवाद्  mam "
Aug 18, 2019
Pratibha Pandey replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 100 in the group चित्र से काव्य तक
"जी सर ,मेरी अबोध रचना पर आप गुनी जानो की दृष्टि पड़ी सो आभार  छंद सिखने और प्रस्तुत करने की कोशिश जारी  रखूंगी , धन्यवाद सर "
Aug 18, 2019
Pratibha Pandey replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 100 in the group चित्र से काव्य तक
"सुन्दर शब्दों के लिए आभार ,और आपके सानिध्य में छंद सीखने और प्रस्तुत करने का प्रयास करुँगी "
Aug 18, 2019
Pratibha Pandey replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 100 in the group चित्र से काव्य तक
"शहर की गलियों में आज जो मैंने देखा है | वर्षा जल से भरा हुआ गली का हर कोना है ||   यूँ तो वर्षा का मोल बहुत है सावन और भादो में | उतना ही अनमोल है वह बच्चों के क्रीड़ा कलापों में ||   सड़कें तो अब दिखती नहीं चारों ओर भरा जो पानी | निचले…"
Aug 17, 2019
Pratibha Pandey replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 100 in the group चित्र से काव्य तक
"शहर की गलियों में आज जो मैंने देखा है | वर्षा जल से भरा हुआ गली का हर कोना है ||   यूँ तो वर्षा का मोल बहुत है सावन और भादो में | उतना ही अनमोल है वह बच्चों के क्रीड़ा कलापों में ||   सड़कें तो अब दिखती नहीं चारों ओर भरा जो पानी | निचले…"
Aug 17, 2019
Pratibha Pandey replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 100 in the group चित्र से काव्य तक
"शहर की गलियों में आज जो मैंने देखा है | वर्षा जल से भरा हुआ गली का हर कोना है ||   यूँ तो वर्षा का मोल बहुत है सावन और भादो में | उतना ही अनमोल है वह बच्चों के क्रीड़ा कलापों में ||   सड़कें तो अब दिखती नहीं चारों ओर भरा जो पानी | निचले…"
Aug 17, 2019
Pratibha Pandey replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 100 in the group चित्र से काव्य तक
"शहर की गलियों में आज जो मैंने देखा है | वर्षा जल से भरा हुआ गली का हर कोना है ||   यूँ तो वर्षा का मोल बहुत है सावन और भादो में | उतना ही अनमोल है वह बच्चों के क्रीड़ा कलापों में ||   सड़कें तो अब दिखती नहीं चारों ओर भरा जो पानी | निचले…"
Aug 17, 2019
Pratibha Pandey replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 100 in the group चित्र से काव्य तक
"आप सभी महान काव्य छंद रचनाकारों को प्रणाम | आप सभी की उत्तम रचना के बीच मेरी अबोध रचना को एक छोटा सा स्थान  मिल सके इसी आशा में मेरा प्रयास स्वीकार करें "
Aug 17, 2019
Pratibha Pandey joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
Aug 17, 2019

Profile Information

Gender
Female
City State
Delhi
Native Place
Gorakhpur
Profession
none
About me
something to think every time

Pratibha Pandey's Blog

काश हम हवा होते

कुछ तो बात है इन हवाओं में जो तुम्हें छूकर आ रही हैं ,
बताती हैं वो कशिश जो तुमसे मिलकर महसूस होती है,
तुम्हारी तड़प और बेचैनी का भी हाल बयान करती हैं,
अब तो ऐसा हाल है की कुछ जलन सी होने लगी है इन हवाओँ से ,
अगर हम हवा होते तो बस कभी भी इन ज़ुल्फों को फहराकर छुप जाते ,
इस…
Continue

Posted on August 25, 2019 at 7:00am — 1 Comment

वियोग

￰मिले थे हम यूँ किनारे समंदर था पहाड़ थे ,
जीवन शैली के कुछ नए अरमान थे ,
कुछ नए पुराने से आयाम थे,
कुछ तड़प थी कुछ झड़प थी ,…
Continue

Posted on August 15, 2019 at 5:30pm — 2 Comments

चाँद सितारे

दिन ढला तो शाम हुई, शाम ढली तो रात,

रात जो आई तो ख़ुश हुए, चाँद और तारे हज़ार||

तारे बोले ऐ चाँद, 

तरसते रहते दिनभर, हम तेरे दीदार को,

पर सूरज भैया को कैसे धमकाएँ,

राज करते धरती और आसमान पर जो||…

Continue

Posted on August 9, 2019 at 5:01pm — 8 Comments

आगाज़

एक तिल से ताड़ करो , आराम नहीं आगाज़ करो||

घर गृहथी का कार्य करो , और अपना भी कुछ सम्मान करो ||

पत्नी बनो, माँ बनो और बन जाओ एक लेखिका भी ||

लेखिका बनकर खिलादो वो सारे ज़ज़्बात भी||

मन बुद्धि शब्दों से बुद्धि मन पर प्रहार करो ||

एक तिल से ताड़ करो , आराम नहीं आगाज़ करो

कलम कागज़ को दोस्त बनाओ देकर उन्हें लेखन का न्योता

न्योता देकर पास बुलाओ और फिर करलो एक समझौता

की मेरा साथ निभाओगे और सभी दबे ज़ज़्बात खिलाओगे

एक तिल से…

Continue

Posted on August 3, 2019 at 12:30am — 4 Comments

Comment Wall (2 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 5:08pm on May 17, 2025, Erica Woodward said…

I need to have a word privately,Could you please get back to me on ( mrs.ericaw1@gmail.com)Thanks.

At 3:22pm on August 20, 2019, डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव said…

आई० आपको मित्र के रूप में पाना मेरा सौभाग्य है  i आपकी लेखनी उर्वर बनी रहे i सादर i 

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. बृजेश जी "
23 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. बृजेश जी "
23 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"अपने शब्दों से हौसला बढ़ाने के लिए आभार आदरणीय बृजेश जी           …"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहेदुश्मनी हम से हमारे यार भी करते रहे....वाह वाह आदरणीय नीलेश…"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"आदरणीय अजय जी किसानों के संघर्ष को चित्रित करती एक बेहतरीन ग़ज़ल के लिए बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं…"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आदरणीय नीलेश जी एक और खूबसूरत ग़ज़ल से रूबरू करवाने के लिए आपका आभार।    हरेक शेर…"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय भंडारी जी बहुत ही खूब ग़ज़ल कही है सादर बधाई। दूसरे शेर के ऊला को ऐसे कहें तो "समय की धार…"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय रवि शुक्ला जी रचना पटल पे आपका हार्दिक अभिनन्दन और आभार। लॉगिन पासवर्ड भूल जाने के कारण इतनी…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"जी, ऐसा ही होता है हर प्रतिभागी के साथ। अच्छा अनुभव रहा आज की गोष्ठी का भी।"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"अनेक-अनेक आभार आदरणीय शेख़ उस्मानी जी। आप सब के सान्निध्य में रहते हुए आप सब से जब ऐसे उत्साहवर्धक…"
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"वाह। आप तो मुझसे प्रयोग की बात कह रहे थे न।‌ लेकिन आपने भी तो कितना बेहतरीन प्रयोग कर डाला…"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें आदरणीय गिरिराज जी।  नीलेश जी की बात से सहमत हूँ। उर्दू की लिपि…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service