Posted on August 25, 2019 at 7:00am — 1 Comment
Posted on August 15, 2019 at 5:30pm — 2 Comments
दिन ढला तो शाम हुई, शाम ढली तो रात,
रात जो आई तो ख़ुश हुए, चाँद और तारे हज़ार||
तारे बोले ऐ चाँद,
तरसते रहते दिनभर, हम तेरे दीदार को,
पर सूरज भैया को कैसे धमकाएँ,
राज करते धरती और आसमान पर जो||…
Posted on August 9, 2019 at 5:01pm — 8 Comments
एक तिल से ताड़ करो , आराम नहीं आगाज़ करो||
घर गृहथी का कार्य करो , और अपना भी कुछ सम्मान करो ||
पत्नी बनो, माँ बनो और बन जाओ एक लेखिका भी ||
लेखिका बनकर खिलादो वो सारे ज़ज़्बात भी||
मन बुद्धि शब्दों से बुद्धि मन पर प्रहार करो ||
एक तिल से ताड़ करो , आराम नहीं आगाज़ करो
कलम कागज़ को दोस्त बनाओ देकर उन्हें लेखन का न्योता
न्योता देकर पास बुलाओ और फिर करलो एक समझौता
की मेरा साथ निभाओगे और सभी दबे ज़ज़्बात खिलाओगे
एक तिल से…
ContinuePosted on August 3, 2019 at 12:30am — 4 Comments
आई० आपको मित्र के रूप में पाना मेरा सौभाग्य है i आपकी लेखनी उर्वर बनी रहे i सादर i
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