क्या तुम्हारा जमीर ना जागता
क्यों घायल किसी को करते हो
पुलिस वाले भी अपने भाई-बंधु
पत्थर उनको क्यूँ मारते हो ||
विरोध करना, विरोध करो तुम
संविधान अधिकार ये देता है
उपद्रव ना मचाने की
हिदायत भी संविधान हमारा देता है ||
उपद्रव का ना मार्ग चुनो
शांति से विरोध करो
पुलिस करती रखवाली हमारी
उस पर बेवजह ना वार करो ||
दिन रात करती हमारी सेवा
इस बात का तो ध्यान करो
पढे लिखे अच्छे समाज से आए
इस बात का थोड़ा ध्यान करो ||
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई
धर्मो को लेकर भेद ना हो
राजनीति का चक्कर है सब
अफवाहों पर ध्यान ना दो ||
धर्म निरपेक्ष है देश हमारा
किसी का हक मारने की बात नहीं
अच्छे से इस बात को समझो
यहाँ किसी अत्याचार की बात नहीं ||
"मौलिक व अपकाशित"
Comment
भाई लक्ष्मण कों हौंसलअफजाई के लिये धन्यवाद
आ. भाई फूल सिंह जी, अच्छी रचना हुई है । हार्दिक बधाई ।
कबीर साहब आपका कोटि कोटि धन्यवाद
जनाब फूल सिंह जी आदाब,अच्छी रचना हुई है,बधाई स्वीकार करें ।
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