For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भूख गरीबी जाति धर्म से लड़ना नूतन साल यहाँ - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

२२२२/२२२२/२२२२/२२२

बर्षों  से  जब  रहते  आये  दुख  से  मालामाल  यहाँ
सुख आकर भी कर पायेगा फिर कितना कंगाल यहाँ।।


तुम रख लेना शायद तुमको उम्मीदों का साल मिले
हमने तो हर पल  है  खोया  उम्मीदों का साल यहाँ।।


शीष झुकाये रहे सहिष्णुता जैसे सब की दोषी हो
खूब मजहबी झगड़े रहते ताने अब तो भाल यहाँ।।


साल नया कितनी उम्मीदें जनता को बचने की देगा
नित्य नया लेकर आती है राजनीति अब जाल नया।।


भाई-चारा  प्यार-मुहब्बत  सब  एक  तरफा  बातें हैं
नफरत के दावानल हर घर ठोक रहे अब ताल यहाँ।।


मानवता के  सत्कर्मों  से  मजहब  दिखते  दूर  बहुत
गलत काम को जाति धर्म की बन जाती है ढाल यहाँ।।


शायर लेखक कवि मजहबी वर्ग बनाकर लिखते हैं
कौन उधेड़ेगा दंगों  की  बोलो  फिर अब खाल यहाँ।।


रोकर कहता साल  पुराना  मैं  हो बेबस जाता हूँ
भूख गरीबी जाति धर्म से लड़ना नूतन साल यहाँ।।

मौलिक.अप्रकाशित
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

****

ओबीओ परिवार के समस्त सदस्यों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ...

Views: 617

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 5, 2020 at 4:36am

आ. भाई  तेजवीर जी, सादर अभिवादन।  गजल पर उपस्थिति और सराहना के लिए आभार।

Comment by TEJ VEER SINGH on January 4, 2020 at 11:21am

हार्दिक बधाई आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी।बेहतरीन गज़ल।

भाई-चारा  प्यार-मुहब्बत  सब  एक  तरफा  बातें हैं
नफरत के दावानल हर घर ठोक रहे अब ताल यहाँ।।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 4, 2020 at 6:25am

आ. भाई प्रदीप देवीशरण जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और सराहना के लिए आभार।

Comment by प्रदीप देवीशरण भट्ट on January 2, 2020 at 12:51pm

वाह वाह क्या कहने लक्ष्मण जी

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 1, 2020 at 8:08pm

आ. सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' जी, गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 1, 2020 at 8:07pm

आ. भाई आशीष यादव जी, गजल पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए आभार।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 1, 2020 at 8:07pm

आ. भाई डॉ छोटेलाल जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।

Comment by नाथ सोनांचली on January 1, 2020 at 6:28pm

आद0 लक्ष्मन धामी मुसाफिर जी नववर्ष के परिपेक्ष्य में अच्छी रचना सृजित की आपने। बधाई स्वीकार कीजिए।

Comment by आशीष यादव on January 1, 2020 at 1:24pm

इसी फ़रेब में सदियां गुजार दी हमने,

गुज़िश्ता साल से शायद ये साल बेहतर हो। 

समय-काल की बातों को बखूबी बयाँ किया है। बधाई स्वीकार करें।

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on January 1, 2020 at 1:14pm

आदरणीय लक्ष्मण धामी जी नव वर्ष की मंगल कामनाओं सहित इस सुंदर रचना के लिए बहुत बहुत बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ **** खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१। * चूड़ियाँ…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रस्तुत कविता बहुत ही मार्मिक और भावपूर्ण हुई है। एक वृद्ध की…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। बहुत-बहुत आभार। सादर"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज भंडारी सर वाह वाह क्या ही खूब गजल कही है इस बेहतरीन ग़ज़ल पर शेर दर शेर  दाद और…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
" आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी…"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी प्रस्तुति में केवल तथ्य ही नहीं हैं, बल्कि कहन को लेकर प्रयोग भी हुए…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service