For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्षणिकायें - 4 -डॉo विजय शंकर

प्यार का
अर्थ खोजोगे
प्यार खो दोगे

दोस्ती की
वजह खोजोगे
दोस्ती खो दोगे

रिश्तों का अर्थशास्त्र
न काम करे अर्थ ,
न करे शास्त्र

राजनीति
बिना दूध दही
ढेरों नवनीत

शाश्त्रों का अर्थ
अपना अपना
अर्थशास्त्र

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 735

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on December 3, 2014 at 6:58pm
आदरणीय राम शिरोमणि पाठक जी, बधाई के लिए ह्रदय से धन्यवाद।
Comment by Dr. Vijai Shanker on December 3, 2014 at 6:53pm
आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी, सोमेश जी, हरी प्रकाश दुबे जी , रचना को स्वीकार करने और मेरा उत्साहवर्धन करने हेतु आभार , सादर।
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 3, 2014 at 6:28pm

विजय सर  i

आपकी  इस बुद्धि प्रधान रचना पर आपको  बधाई

Comment by Dr. Vijai Shanker on December 2, 2014 at 7:23pm
आदरणीय मैठाणी जी ,
आपकी इस बात से मैं पूर्णतया सहमत हूँ कि विचार या भाव ही मुख्य होते हैं , और मैंने आपकी बात मान भी ली।
पर मेरा एक निवेदन है कि हाइकू की वर्ण सीमा हेतु एक बार अवसर मिले तो गूगल कर लें , विविधतायें हैं।
सादर।
Comment by Dayaram Methani on December 2, 2014 at 2:30pm

आदरणीय डा. विजयशंकर जी,

मेरी राय में हाईकु की जो विधा है उसे वैसे ही रखा जाये तो बेहतर होगा। आप अपनी इस सुंदर रचना को क्षणकिाये लिख दें तो कुछ भी अनुचित नहीं होगा। आपके भाव तो तारीफ के काबिल है ही।

Comment by ram shiromani pathak on December 2, 2014 at 1:37pm

सुन्दर प्रस्तुति आदरणीय बाकी गुणीजनों ने कह दिया है //हार्दिक बधाई आपको

Comment by Hari Prakash Dubey on December 2, 2014 at 12:48pm

प्यार का
अर्थ खोजोगे
प्यार खो दोगे...बहुत खूब कहा आपने ,हार्दिक बधाई आदरणीय डॉ ० विजय शंकर जी !

Comment by Dr. Vijai Shanker on December 2, 2014 at 1:32am
आदरणीय मैठाणी जी ,
जो माजरा आपने उठाया वह उलझन मुझे भी थी , पर मैंने सोचा जापान से आयातित इस विधा का हिंदी - देवनागरी में कुछ न्यूनाधिक परिवर्तन कर , कुछ नव- प्रयोग कर लिया जाये , बस। अब आप बताये कि मान्य होगा या फिर बदल कर शीर्षक क्षणिकायें ही कर दूँ। आपके सुझाव का इन्तेजार यहेगा।
सादर।
Comment by Dayaram Methani on December 1, 2014 at 10:53pm

आदरणीय डा. विजयशंकर जी,

 मेरी जानकारी के अनुसार हाईकु में तीन पंक्तियों होती है आैर उसमें 5, 7, 5 वर्ण होते है। आपके उपरोक्त हाईकु इस दृष्टि से मुझे कुछ समझ नहीं आ रहे है। यहां मैं इसे समझने के लिये लिख रहा हूं। आप इसे आलोचना न समझें।

आपके पहले हाईकु की प्रथम पंक्ति में "प्यार का" है। इसकी गिनती 3 होती है यदि यहां आपके प्यार का आधे अक्षर को गिन लें तो फिर तीसरी पंक्ति में सात अक्षर हो जायेंगे जबकि यहां 5 अक्षर ही आने चाहिये। इस दृष्टि से दूसरी पंक्ति में सात के बजाय पांच अक्षर की गिनती है बैठ रही है। कृपया मेरी जानकारी के लिये बतायें कि ये माजरा क्या है?आपने किस तरह गिनती की है? मार्गदर्शन का कष्ट करे।

Comment by somesh kumar on December 1, 2014 at 10:38pm

haiku hote hue bhi ye kavita si anubhuti kra rhi hain ,sunder prstuti 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service