Comment
आ० विजय सर !
आपके कटाक्ष पर मुग्ध हूँ -
कौन हैं , कहाँ से आये हैं ,
पूछ कर न अपना
अपमान करें।
जो व्यवस्था में हैं ,
वे माननीय , आदरणीय हैं ,
पूज्यनीय , वन्दनीय हैं ,
ओजस्वी ,प्रकाशमान
देवतास्वरूप हैं ,
उनकें ज्ञान पर , उनकें
सामान्य ज्ञान पर प्रश्न न करें ,
वे स्वयं सामान्य ज्ञान का प्रश्न हैं,
व्यंगात्मक ..प्रस्तुति के बधाई आदरणीय विजय शंकर सर...व्यवस्था के कठमुल्लेपन की अच्छी खबर ली आपने ,सादर
सामान्य ज्ञान पर प्रश्न न करें ,
वे स्वयं सामान्य ज्ञान का प्रश्न हैं, -- क्या बात है ! आदरणीय विजय भाई , सत्य वचन , बहुत सुन्दर !! रचना के लिये बधाइयाँ
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