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Sanjiv verma 'salil''s Comments

Comment Wall (41 comments)

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At 4:51pm on November 10, 2010, आशीष यादव said…
आचार्य जी प्रणाम,
आपने मेरी जिज्ञाषा की तरफ ध्यान दिया और समाधान भी प्रस्तुत किया|
आप को कोटि धन्यवाद|
At 1:36am on November 3, 2010, Shanno Aggarwal said…
सलिल जी, सादर नमन !

आपका गीत '' आँसू और ओस '' बहुत भाया लेकिन वास्तव में भगवान किसी की आँखों में आँसू ना दें..तभी जिंदगी बेहतर है....

आपको सपरिवार दीपावली की ढेरों शुभकामनायें.
At 3:35pm on November 2, 2010, Abhinav Arun said…
pichhala comment आदरणीय सलिल जी आशीष के लिए उन्हें फिर भेजता हूँ |
At 3:32pm on November 2, 2010, Abhinav Arun said…
At 6:28am on November 2, 2010, आशीष यादव said…
आदरणीय सलिल जी, प्रणाम:
कुछ दिन पहले मैंने आपसे प्रियंका शब्द का अर्थ पूछा था| आपने बताया भी था, मै उस से संतुष्ट भी हूँ| मै आपके फिर कुछ जानना चाहता हूँ| आचार्य जी एक शब्द अनीता भी है जिसका अर्थ मै नहीं जान सका हूँ अब तक| मैंने हिंदी शब्द कोष भी खंगाले लेकिन निराशा ही हाथ लगी| कृपया बताने की कृपा करें|
At 4:36am on October 15, 2010, आशीष यादव said…
Salil ji sadar pranaam. Aapne mujhe priyanka shabd ka arth bataya jise maine kai shabdkosho me dhudne pe bhi nahi paya tha. Dhanyawad
At 4:00pm on October 14, 2010, आशीष यादव said…
सलिल जी प्रणाम| मैंने कई जगह से एक हिंदी के शब्द का अर्थ जानना चाहा लेकिन नहीं जान सका| यह शब्द अधिकतर संज्ञा के लिए प्रयोग होता|
वह शब्द है प्रियंका| कृपया आप मुझे इस शब्द का वास्तविक अर्थ बता दें|
At 12:01pm on September 11, 2010, Admin said…
आदरणीय आचार्य जी, रचना के साथ चित्र लगाना आसान है जिसे मैं नीचे लिख दूंगा, परन्तु मुझे एक बहुत ही बड़ी कमी लगती है इस प्रकार इमेज के रूप मे रचना बनाने मे,
१- सर्च इंजन आप के लिखे शब्दों के आधार पर सर्च करते है, आप की रचना अंतरजाल पर होते हुये भी वो सर्च इंजन के पकड़ मे नहीं आता, और रचना के लिये जितना श्रेय रचनाकार को मिलना चाहिये नहीं मिल पाता साथ ही आपकी रचना से बहुत लोग महरूम हो जाते हैं जो सर्च के माध्यम से पढ़ पाते |
२- यदि आप की रचना का कोई नक़ल कर लेता है और उसे किसी साईट पर टेस्ट के माध्यम से पोस्ट कर देता है तो सर्च इंजन उसको सर्च कर लेगा और आपकी रचना को नहीं, इस प्रकार साईट चलाने वाले को भी पता नहीं चलता कि रचना के मूल लेखक कौन है, मुमकिन है की नक़ल को असल और असल को नक़ल समझ लिया जाये |
३- जिस साईट पर आपकी इमेज वाली रचना छपती है उस साईट को भी सर्च इंजन वो सम्मान नहीं दे पाते जो उसे मिलना चाहिये था |

अब मैं बताता हूँ कि इमेज वाली रचना कैसे बनाई जाती है ----
यह आसान है Microsoft power point खोल ले, Insert Image मे जो फोटो चाहते हो अपने कंप्यूटर से इन्सर्ट कर ले , फिर इनसेर्ट text कर अपनी रचना को पेस्ट कर दे, जरूरत के हिसाब से डिजाईन कर ले फिर Save as से सेव करे, वहा जो बॉक्स खुलता है उसमे Other Formet को क्लिक करे और उसमे save as type में JPEG क्लिक कर दे , फिर Save क्लिक कर दे , हो गया आप का काम, फिर एक फोटो कि तरह जहा चाहे वहा चिपका दे |
At 10:57am on September 3, 2010, Admin said…
आदरणीय आचार्य जी,
प्रणाम
आपका एक ब्लॉग ( कृति-चर्चा : चित्रगुप्त मीमांसा : श्रृष्टि-श्रृष्टा की तलाश में सार्थक सृजन यात्रा चर्चाकार : आचार्य संजीव 'सलिल' ) प्राप्त हुआ है जो पुस्तक समीक्षा से सम्बंधित विषय पर है, कृपया उसे "पुस्तक समीक्षा" ग्रुप मे पोस्ट करने की कृपा करे, यदि पुस्तक की छाया चित्र उपलब्ध हो तो उसे भी उक्त समीक्षा मे डाला जा सकता है,
धन्यवाद,
ग्रुप का लिंक निम्न है :-http://www.openbooksonline.com/group/Pustak_samiksha
आपका
एडमिन
OBO
At 2:24pm on August 29, 2010, Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह said…
अरे वाह ... !! आपने तो पूरा कैमरा दर्शन ही लिख डाला ... :)
At 10:15pm on August 28, 2010, Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह said…
@ संजीव जी , काहे मरवा रहे हैं भाई ,, बड़ी मुश्किल से तो जिंदगी मिली है ... हा हा हा ... अब आप जो चाहें कैमरा तो वही बोलेगा न ... :)
At 11:06pm on August 20, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

At 11:05pm on August 20, 2010, Admin said…
ऒपन बुक्स आनलाइन परिवार आपके जन्मदिन के अवसर पर आपके स्वस्थ, दिर्घ और सफल जीवन की कामना करता है, जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई Aacharya जी,
At 7:18am on August 20, 2010, PREETAM TIWARY(PREET) said…
आचार्य जी जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामना.....ईश्वर से प्रार्थना है आपकी उमर लंबी करे और आप जो इच्छा रखते हो वो आपकी कदमो मे हो......

आपका ही अपना...

प्रीतम कुमार तिवारी
राँची...
8051853108
At 3:38pm on August 19, 2010, Rash Bihari Ravi said…
man mohne wala sir salil,
jit chuke hain ab mera dil ,
aaj ke din aaye bar bar ,
OBO pe ham bante rahe,
aapke pyar ke haqdar,
aur dete rahen aapko ,
janm din ki mubarakbad,
At 9:29am on August 11, 2010, guddo dadi said…
नन्हे बिटवा संजीव भाई
चिरंजीव भवः
आपकी की कविता गुड्डो दादी पढ़ी हंसी बंद ही नहीं हुई
जी भाई एक प्रश्नं आपके चित्रों में महा कवित्री महादेवी वर्मा जी का चित्र तो आप क्या आप उनके सुपुत्र
क्षमा करना आपसे निजी प्रश्नं
At 6:34pm on June 6, 2010, Ratnesh Raman Pathak said…

At 10:25am on June 6, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

At 9:59am on June 6, 2010, PREETAM TIWARY(PREET) said…

At 8:51am on June 6, 2010, Admin said…

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