आदरणीय सलिल जी, प्रणाम:
कुछ दिन पहले मैंने आपसे प्रियंका शब्द का अर्थ पूछा था| आपने बताया भी था, मै उस से संतुष्ट भी हूँ| मै आपके फिर कुछ जानना चाहता हूँ| आचार्य जी एक शब्द अनीता भी है जिसका अर्थ मै नहीं जान सका हूँ अब तक| मैंने हिंदी शब्द कोष भी खंगाले लेकिन निराशा ही हाथ लगी| कृपया बताने की कृपा करें|
सलिल जी प्रणाम| मैंने कई जगह से एक हिंदी के शब्द का अर्थ जानना चाहा लेकिन नहीं जान सका| यह शब्द अधिकतर संज्ञा के लिए प्रयोग होता|
वह शब्द है प्रियंका| कृपया आप मुझे इस शब्द का वास्तविक अर्थ बता दें|
आदरणीय आचार्य जी, रचना के साथ चित्र लगाना आसान है जिसे मैं नीचे लिख दूंगा, परन्तु मुझे एक बहुत ही बड़ी कमी लगती है इस प्रकार इमेज के रूप मे रचना बनाने मे,
१- सर्च इंजन आप के लिखे शब्दों के आधार पर सर्च करते है, आप की रचना अंतरजाल पर होते हुये भी वो सर्च इंजन के पकड़ मे नहीं आता, और रचना के लिये जितना श्रेय रचनाकार को मिलना चाहिये नहीं मिल पाता साथ ही आपकी रचना से बहुत लोग महरूम हो जाते हैं जो सर्च के माध्यम से पढ़ पाते |
२- यदि आप की रचना का कोई नक़ल कर लेता है और उसे किसी साईट पर टेस्ट के माध्यम से पोस्ट कर देता है तो सर्च इंजन उसको सर्च कर लेगा और आपकी रचना को नहीं, इस प्रकार साईट चलाने वाले को भी पता नहीं चलता कि रचना के मूल लेखक कौन है, मुमकिन है की नक़ल को असल और असल को नक़ल समझ लिया जाये |
३- जिस साईट पर आपकी इमेज वाली रचना छपती है उस साईट को भी सर्च इंजन वो सम्मान नहीं दे पाते जो उसे मिलना चाहिये था |
अब मैं बताता हूँ कि इमेज वाली रचना कैसे बनाई जाती है ----
यह आसान है Microsoft power point खोल ले, Insert Image मे जो फोटो चाहते हो अपने कंप्यूटर से इन्सर्ट कर ले , फिर इनसेर्ट text कर अपनी रचना को पेस्ट कर दे, जरूरत के हिसाब से डिजाईन कर ले फिर Save as से सेव करे, वहा जो बॉक्स खुलता है उसमे Other Formet को क्लिक करे और उसमे save as type में JPEG क्लिक कर दे , फिर Save क्लिक कर दे , हो गया आप का काम, फिर एक फोटो कि तरह जहा चाहे वहा चिपका दे |
आदरणीय आचार्य जी,
प्रणाम
आपका एक ब्लॉग ( कृति-चर्चा : चित्रगुप्त मीमांसा : श्रृष्टि-श्रृष्टा की तलाश में सार्थक सृजन यात्रा चर्चाकार : आचार्य संजीव 'सलिल' ) प्राप्त हुआ है जो पुस्तक समीक्षा से सम्बंधित विषय पर है, कृपया उसे "पुस्तक समीक्षा" ग्रुप मे पोस्ट करने की कृपा करे, यदि पुस्तक की छाया चित्र उपलब्ध हो तो उसे भी उक्त समीक्षा मे डाला जा सकता है,
धन्यवाद,
ग्रुप का लिंक निम्न है :-http://www.openbooksonline.com/group/Pustak_samiksha
आपका
एडमिन
OBO
man mohne wala sir salil,
jit chuke hain ab mera dil ,
aaj ke din aaye bar bar ,
OBO pe ham bante rahe,
aapke pyar ke haqdar,
aur dete rahen aapko ,
janm din ki mubarakbad,
नन्हे बिटवा संजीव भाई
चिरंजीव भवः
आपकी की कविता गुड्डो दादी पढ़ी हंसी बंद ही नहीं हुई
जी भाई एक प्रश्नं आपके चित्रों में महा कवित्री महादेवी वर्मा जी का चित्र तो आप क्या आप उनके सुपुत्र
क्षमा करना आपसे निजी प्रश्नं
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
Sanjiv verma 'salil''s Comments
Comment Wall (41 comments)
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आपने मेरी जिज्ञाषा की तरफ ध्यान दिया और समाधान भी प्रस्तुत किया|
आप को कोटि धन्यवाद|
आपका गीत '' आँसू और ओस '' बहुत भाया लेकिन वास्तव में भगवान किसी की आँखों में आँसू ना दें..तभी जिंदगी बेहतर है....
आपको सपरिवार दीपावली की ढेरों शुभकामनायें.
कुछ दिन पहले मैंने आपसे प्रियंका शब्द का अर्थ पूछा था| आपने बताया भी था, मै उस से संतुष्ट भी हूँ| मै आपके फिर कुछ जानना चाहता हूँ| आचार्य जी एक शब्द अनीता भी है जिसका अर्थ मै नहीं जान सका हूँ अब तक| मैंने हिंदी शब्द कोष भी खंगाले लेकिन निराशा ही हाथ लगी| कृपया बताने की कृपा करें|
वह शब्द है प्रियंका| कृपया आप मुझे इस शब्द का वास्तविक अर्थ बता दें|
१- सर्च इंजन आप के लिखे शब्दों के आधार पर सर्च करते है, आप की रचना अंतरजाल पर होते हुये भी वो सर्च इंजन के पकड़ मे नहीं आता, और रचना के लिये जितना श्रेय रचनाकार को मिलना चाहिये नहीं मिल पाता साथ ही आपकी रचना से बहुत लोग महरूम हो जाते हैं जो सर्च के माध्यम से पढ़ पाते |
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मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…

आपका ही अपना...प्रीतम कुमार तिवारी
राँची...
8051853108
jit chuke hain ab mera dil ,
aaj ke din aaye bar bar ,
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aur dete rahen aapko ,
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चिरंजीव भवः
आपकी की कविता गुड्डो दादी पढ़ी हंसी बंद ही नहीं हुई
जी भाई एक प्रश्नं आपके चित्रों में महा कवित्री महादेवी वर्मा जी का चित्र तो आप क्या आप उनके सुपुत्र
क्षमा करना आपसे निजी प्रश्नं
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