For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल (हम जिनकी मुहब्बत में दिन रात तड़पते हैं)

221 - 1222 - 221 - 1222

हम जिनकी मुहब्बत में दिन रात तड़पते हैं

होते ही ख़फ़ा हमसे दुश्मन से जा मिलते हैं 

गुलशन में तेरे हर दिन नए ग़ुंचे चटकते हैं

गिर जाते हैं कुछ पत्ते कुछ फूल महकते हैं

माली है तू हम सबका हम भी हैं तेरी बुलबुल 

हमको ये शरफ़ हासिल हम यूँ  ही चहकते हैं

आँखों में मुहब्बत भर देखा जो हमें तुम ने 

छाया है सुरूर ऐसा हम ख़ुद ही बहकते हैं

कुछ ऐसी तपिश तेरे पैकर की हुई दिलबर 

अंगारे भी इस आतिश से कम ही दहकते हैं 

समझेंगे वो क्या हमको जाने न जो ख़ुदको भी 

जो हम हैं समझते  बस वो हम ही  समझते हैं 

समझो न हमें यूँ ही रखते हैं ख़बर सबकी

मन्सूबे  तुम्हारे  भी  हम  ख़ूब  समझते हैं 

लब हैं कि सुबू हैं ये आँखें हैं कि मयख़ाना 

मदहोशी का आलम है हम देख बहकते हैं

''मौलिक व अप्रकाशित'' 

Views: 635

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on March 16, 2021 at 6:14pm

जनाब बृजेश कुमार 'बृज' जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद सुख़न नवाज़ी और हौसला अफ़ज़ाई के लिए बेहद मशकूर हूँ। सादर। 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on March 16, 2021 at 4:11pm

वाह वाह आदरणीय बहुत बहुत बधाई इस खूबसूरत ग़ज़ल के लिए

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on March 13, 2021 at 11:38am

मुहतरमा रचना भाटिया जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद सुख़न नवाज़ी और हौसला अफ़ज़ाई के लिए बेहद मशकूर हूँ। सादर। 

Comment by Rachna Bhatia on March 13, 2021 at 9:16am

आदरणीय अमीरुद्दीन'अमीर'जी अच्छी ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार करें।

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on March 13, 2021 at 12:17am

जनाब लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद सुख़न नवाज़ी और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।  सादर।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 12, 2021 at 7:41pm

आ. भाई अमीरूद्दीन जी, सादर अभिवादन ।अच्छी गजल हुई है । हार्दिक बधाई।

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on March 12, 2021 at 10:09am

जनाब कृष मिश्रा 'जान' गोरखपुरी साहिब आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद सुख़न नवाज़ी और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया। सादर।

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 12, 2021 at 8:52am

खूबसूरत ग़ज़ल हेतु हार्दिक बधाई आ. अमीरुद्दीन अमीर सर जी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई है हर शेर क़ाबिले तारीफ़ है गिरह ख़ूब हुई सादर"
17 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
19 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. भाई महेन्द्र जी, अभिवादन। गजल का प्रयास अच्छा हुआ है। हार्दिक बधाई। गुणीजनो की सलाह से यह और…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, बेह्तरीन ग़ज़ल से आग़ाज़ किया है, सादर बधाई आपको आखिरी शे'र में…"
5 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीया ऋचा जी बहुत धन्यवाद"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी, आपकी बहुमूल्य राय का स्वागत है। 5 में प्रकाश की नहीं बल्कि उष्मा की बात है। दोनों…"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी। आप की मूल्यवान राय का स्वागत है।  2 मय और निश्तर पीड़ित हृदय के पुराने उपचार…"
6 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय महेंद्र कुमार जी नमस्कार। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
6 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी ।सादर अभिवादन स्वीकार कीजिए। अच्छी ग़ज़ल हेतु आपको हार्दिक बधाई।"
6 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,सादर अभिवादन स्वीकार कीजिए।  ग़ज़ल हेतु बधाई। कंटकों को छूने का.... यह…"
6 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीया ऋचा यादव जी ।सादर नमस्कार।ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।गुणीजनों के इस्लाह से और निखर गई है।"
6 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय euphonic amit जी आपको सादर प्रणाम। बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय त्रुटियों को इंगित करने व…"
7 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service